MahaKumbh में छोटे कारोबार से बड़े मुनाफे की कहानी, प्रयागराज के मनशू ने 10 रुपए की चाय और 50 रुपए की मैगी बेचकर कमाए लाखों

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Feb, 2025 07:44 AM

earned lakhs by selling tea for 10 rupees and maggi for 50 rupees

Prayagraj News: महाकुंभ मेला नe केवल आध्यात्मिक अनुभव के लिए लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि यह छोटे दुकानदारों को अपनी आजीविका अर्जित करने का एक बड़ा अवसर भी प्रदान करता है। 45 दिनों के इस महासमागम में, जहां लाखों लोग आस्था की प्राप्ति के लिए आते...

Prayagraj News: महाकुंभ मेला नe केवल आध्यात्मिक अनुभव के लिए लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि यह छोटे दुकानदारों को अपनी आजीविका अर्जित करने का एक बड़ा अवसर भी प्रदान करता है। 45 दिनों के इस महासमागम में, जहां लाखों लोग आस्था की प्राप्ति के लिए आते हैं, वहीं छोटे दुकानदार अपनी दुकानें लगाकर जरूरी सामान और सेवाएं बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूरे मेले के इलाके में घाटों, रास्तों और छोटे मार्गों पर रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदार अपनी दुकानें सजाए हुए थे। इन दुकानों पर पूजा सामग्री, मूर्तियां, धागे, सिंदूर, चूड़ियां, साहित्य और अन्य जरूरी चीजें बिक रही थीं। इसके अलावा, कुछ दुकानदार सब्जियां, गोबर के कंडे, लकड़ी, बर्तन, कपड़े, कंबल आदि भी बेच रहे थे। ये सभी दुकानें 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई थीं।

प्रयागराज के मनशू की कहानी
प्रयागराज के मनशू ने अपने परिवार के साथ महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 में 'फास्ट फूड' की दुकान लगाई थी। यहां उन्होंने 10 रुपए में चाय और 50 रुपए में मैगी नूडल्स बेचा। दुकान के बाहर एक पोस्टर भी लगा था जिसमें ‘बाइक टैक्सी’ के लिए संपर्क करने का उल्लेख था। मनशू ने बताया कि मैंने कुंभ मेला क्षेत्र में बाइक टैक्सी भी चलाई, जिससे मुझे अतिरिक्त आय हुई।

वीरेंद्र बिंद का खिलौने का व्यवसाय
सहसों से आए वीरेंद्र बिंद ने मेले के दौरान एक खिलौने की दुकान लगाई। उनका कहना है कि मेला क्षेत्र में काफी बच्चे आए थे, जिससे उनकी बिक्री शानदार रही। उन्होंने बताया कि मैं 60 रुपए में एक सॉफ्ट टॉय बेचता हूं। शुरुआत में इसका दाम 70 रुपए रखता हूं और अगर ग्राहक राजी हो जाता है, तो मुझे हर बिक्री पर अतिरिक्त 10 रुपये का लाभ होता है।

रामपाल ने फोटोग्राफी से कमाया मुनाफा
बुलंदशहर से आए रामपाल केवट ने महाकुंभ मेले में एक कैमरा लेकर फोटोग्राफी शुरू की। वह नाविक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता नाव चलाते हैं। रामपाल ने बताया कि मैं मेले के दौरान प्रतिदिन औसतन 5,000-6,000 रुपए की कमाई करता था। मैं हर तस्वीर के लिए 50 रुपए लेता था। रामपाल ने यह भी बताया कि वह रोज सारे पैसे अपने परिवार को भेज देता था।

अभिषेक की रंग-बिरंगे धागों की दुकान
प्रतापगढ़ जिले से आए अभिषेक ने महाकुंभ मेले में रंग-बिरंगे धागों की दुकान लगाई थी। इससे पहले वह एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ड्राइवर का काम करता था। अभिषेक ने कहा कि मैं एक धागा 10 रुपए में बेच रहा था, चाहे वह किसी भी रंग का हो। मैंने इसे बनारस से थोक के भाव में खरीदा था, जहां इसकी लागत 3 रुपए प्रति धागा थी। बता दें कि महाकुंभ मेला ना केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छोटे दुकानदारों और व्यवसायियों के लिए भी एक बड़ा कमाई का अवसर है। इस मेले ने कई लोगों की जिंदगी को बदलने का काम किया है।

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