Diwali 2024: आज भी मनाई जा रही दिवाली, इस शुभ मुहूर्त में पूजा कर करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Nov, 2024 10:36 AM

diwali 2024 diwali is being celebrated

Diwali 2024: दिवाली 2024 को लेकर देश में भारी कन्फ्यूजन रहा है और इस साल 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दो दिन दिवाली मनाई जा रही है। इस साल 31 अक्टूबर को दोपहर 3ः53 पर अमावस्या तिथि शुरू हुई है, जबकि इसका समापन 1 नवंबर...

Diwali 2024: दिवाली 2024 को लेकर देश में भारी कन्फ्यूजन रहा है और इस साल 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दो दिन दिवाली मनाई जा रही है। इस साल 31 अक्टूबर को दोपहर 3ः53 पर अमावस्या तिथि शुरू हुई है, जबकि इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6ः17 पर हो रहा है। सूर्यास्त का समय शाम 5ः40 बजे का है और इस हिसाब से 1 नवंबर को सूर्य उदय और अस्त होने के समय अमावस्या तिथि तो है ही इसके साथ ही प्रदोष काल भी व्यापत है। इसलिए लोग आज भी दिवाली मना रहे है।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का होता है खास महत्व
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। कार्तिक अमावस्या पर मां लक्ष्मी जी की पूजा होती है और दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। तभी से हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की परंपरा चली आ रही है। दिवाली पर धन और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के साथ भगवान गणेश, कुबेर देवता और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करने विधान होता है।

मां लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त में किया जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि में प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में करना सर्वोत्तम माना गया है। इसके अलावा दिवाली पर तांत्रिक और साधकों के लिए मां लक्ष्मी की पूजा महानिशीथ काल में करना ज्यादा उपयुक्त माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली की रात माता लक्ष्मी बैकुंठ धाम से पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि किन घरों में साफ-सफाई, अच्छी सजावट और विधि-विधान के साथ पूजा हो रही है। जिन घरों में पूजा-पाठ और साफ-सफाई होती है वहीं पर मां लक्ष्मी विराजमान हो जाती हैं। दिवाली की रात मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर जीवन में सुख, संपन्नता, धन-धान्य, समृद्धि और अपार धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 05:36 से 06:16, अवधि - 00 घंटे 41 मिनट, प्रदोष काल - 05:36 से 08:11, वृषभ काल- 06:20 से 08:15। 

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