Edited By Pooja Gill,Updated: 04 Nov, 2024 11:30 AM
प्रयागराज: आगामी महाकुंभ मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार अमृत कलश के दर्शन होंगे। इलाहाबाद संग्रहालय ने महाकुंभ के दौरान कलश से टपकती अमृत की बूंद के दृश्य को प्रतिकृति के रूप में प्रदर्शित करने की तैयारी की है...
प्रयागराज: आगामी महाकुंभ मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार अमृत कलश के दर्शन होंगे। इलाहाबाद संग्रहालय ने महाकुंभ के दौरान कलश से टपकती अमृत की बूंद के दृश्य को प्रतिकृति के रूप में प्रदर्शित करने की तैयारी की है। इलाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ के दौरान संग्रहालय की तरफ से स्थापित अमृत कलश देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा और इसे कुंभ श्रद्धालुओं के लिए ‘सेल्फी प्वाइंट' के तौर पर विकसित किए जाने की योजना है।
क्रांतिकारियों की खूबियां जानने का मिलेगा अवसर
बताया गया कि भारतीय कला और संस्कृति को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित करने के लिए मेला प्रशासन से लगभग 12 हजार वर्ग फुट जमीन देने की मांग की गई है। संग्रहालय इस प्रदर्शनी में 90 साल की क्रांति (आजादी की लड़ाई) को जीवंत रूप देगा। राजेश मिश्रा ने बताया कि यहां मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक लगभग सभी बड़े स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लोगों को जानने का अवसर मिलेगा। डिजिटल और आलेखों से बनी यह दुनिया की पहली वीथिका होगी जहां एक साथ इतने क्रांतिकारियों को नमन करने और उनकी खूबियां जानने का अवसर मिलेगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने की नई पहल
महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए प्रशासन ने कुछ नई पहल की हैं। खासतौर से कुंभ मेले में कार्यरत ड्राइवर, नाविक, गाइड और ठेला संचालकों को विशेष तरह के ट्रैक सूट पहनाने की योजना बनाई गई है। इससे ना केवल इन्हें पहचानना आसान होगा, बल्कि पर्यटकों को भी इनसे सहायता प्राप्त करने में भी सुविधा होगी। चारों श्रेणियों के लिए विशेष ट्रैक सूट तैयार किए जा रहे हैं। प्रशासन ने यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया है कि मेले में भीड़ भाड़ के दौरान यात्रियों को आवश्यक सेवाएं सहजता से मिल सकें। ड्राइवरों, नाविकों, गाइडों और ठेला संचालकों के लिए अलग अलग प्रकार के ट्रैक सूट निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार, हर श्रेणी की अपनी एक विशिष्ट पहचान होगी, जिससे यात्री आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।