Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Jun, 2022 06:19 PM
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को कहा कि वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में कुटीर, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है और राज्य...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को कहा कि वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में कुटीर, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है और राज्य सरकार इन्हें बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पाठक ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिन के सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कहा, ‘‘वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में एमएसएमई क्षेत्र की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एमएसएमई उद्योगों के लिए माहौल तैयार करने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं।''
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुशल श्रम शक्ति के साथ-साथ विशाल बाजार भी मौजूद है। राज्य सरकार ने उद्यमियों की सुविधा के लिए एकल खिड़की प्रणाली शुरू की है ताकि उन्हें एक ही स्थान पर सभी प्रकार की मंजूरियां मिल सकें। इसके अलावा वित्तीय वाद के तेजी से निपटारे के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले पांच साल में 13 नई वाणिज्यिक अदालतें गठित की हैं। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के बाद भाजपा सरकार ने सबसे पहले राज्य में निदेशकों के लिए बेहतर माहौल बनाने के उद्देश्य से कानून-व्यवस्था में सुधार पर ध्यान दिया। पूर्व में निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश करने से घबराते थे लेकिन अब हालात सुधरने के बाद उन्होंने राज्य में आना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत के कुल निर्यात में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान करीब 50 प्रतिशत है। वहीं राज्य के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी भी लगभग 30 प्रतिशत है पाठक ने इस मौके पर 'डेटॉल डायरिया नेटजीरो अभियान' की शुरुआत भी की। इसका उद्देश्य राज्य को डायरिया और निमोनिया समेत विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाना है। इस अवसर पर एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन बिजनेस फैसिलिटेशन एंड ग्लोबल कॉम्पिटीटिवनेस की अध्यक्ष सुषमा पॉल बेरलिया ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मदद कर सकता है क्योंकि देश की कुल छह करोड़ 33 लाख एमएसएमई इकाइयों में लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।