Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 May, 2022 11:05 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को कांग्रेस ने ‘‘छल और धोखा'''' करार दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना एवं केंद्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को कांग्रेस ने ‘‘छल और धोखा'' करार दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना एवं केंद्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में राज्य के वार्षिक बजट को ‘‘जनता के साथ सरकार का छल और धोखा'' करार दिया है। उन्होंने कहा कि ‘‘दिल्ली की बीमारी यूपी (उत्तर प्रदेश) के बजट में समा गयी है।''
नेताओं ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि अब तक केंद्र सरकार का बजट हवा-हवाई घोषणाओं पर आधारित होता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी दिल्ली सरकार की राह पकड़ ली है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब सरकार अपने ही संकल्प पत्र के वादों को शत-प्रतिशत पूरा नहीं कर रही तो इससे बड़ा छलावा जनता के साथ और क्या हो सकता है। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि ‘‘एक दिशाविहीन सरकार का ये अब तक का सबसे निराशाजनक बजट है। जनता को सबसे अधिक अपेक्षाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, कानून-व्यवस्था सड़क और नागरिक सुविधाओं से जुड़ी होती हैं, पर बजट में किसी भी क्षेत्र में ऐसा नजर नहीं आ रहा जो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे।''
उन्होंने बिजली व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता नए मीटर और तेजी से भागते बिजली के बिल से परेशान है, सरकार को बिजली की दर कम करनी चाहिए।