40 साल बाद इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस काबिज, उज्ज्वल रमण सिंह बोले- डबल इंजन सरकार से जनता की नाराजगी बनी ऐतिहासिक जीत की वजह

Edited By Mamta Yadav,Updated: 05 Jun, 2024 12:58 AM

congress captured allahabad seat after 40 years ujjwal raman singh said

प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार से जनता की नाराजगी निश्चित तौर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत का परिणाम है।

Prayagraj News: प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार से जनता की नाराजगी निश्चित तौर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत का परिणाम है। इलाहाबाद लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह भाजपा के नीरज त्रिपाठी से बड़ी जीत हासिल करने के बाद मतगणना स्थल ‘मुंडेरा मंडी’ में संवाददाताओं से कहा कि यह चुनाव उज्ज्वल रमण सिंह नहीं बल्कि प्रयागराज की देवतुल्य जनता लड़ रही थी। यह प्रयागराज की जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डबल इंजन वाली सरकार से जनता की नाराजगी निश्चित तौर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत का परिणाम है। उज्ज्वल रमण सिंह ने भाजपा के नीरज त्रिपाठी को 58,795 मतों से हराकर जीत दर्ज किया है।
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1984 में कांग्रेस से जीते थे अमिताभ बच्चन, फिर 40 साल पड़ गया था सूखा
बता दें कि इलाहाबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह की जीत के साथ यह सीट 40 वर्षों बाद फिर से कांग्रेस के खाते में आ गई। आखिरी बार 1984 में इलाहाबाद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और अभिनेता अमिताभ बच्चन जीते थे। मंगलवार को घोषित चुनावी नतीजों के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह, भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी से 58,795 मतों से विजयी हुए। उज्ज्वल रमण को कुल 4,62,145 मत मिले, जबकि नीरज त्रिपाठी को 4,03,350 मत हासिल हुए। इलाहाबाद शहर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी ने बताया कि 1984 में इलाहाबाद सीट से अमिताभ बच्चन जीते थे। चालीस साल बाद यहां से कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। अमिताभ बच्चन ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को करीब डेढ़ लाख मतों से हराया था। उन्होंने बताया, ” 1984 से पहले इलाहाबाद सीट से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1957 और 1962 में चुनाव जीता था। 1966 में शास्त्री जी का निधन होने के बाद उनके बेटे हरिकिशन शास्त्री ने 1967 का चुनाव यहां से जीता।”
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चुनाव से पूर्व सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे रमण सिंह
अवस्थी ने बताया कि 1984 के बाद इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर अनिल शास्त्री, कमला बहुगुणा, सत्य प्रकाश मालवीय जैसे कई बड़े नेता चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से यह सीट भाजपा के पास थी। साल 2014 में भाजपा से श्यामा चरण गुप्ता और 2019 में रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद सीट पर जीत दर्ज की थी। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और दो बार इलाहाबाद सीट से सांसद रहे रेवती रमण सिंह के पुत्र 51 वर्षीय उज्ज्वल रमण सिंह प्रयागराज जिले की करछना सीट से विधायक रहे हैं और इस चुनाव से पूर्व वह सपा में थे। इलाहाबाद सीट ‘इंडिया' गठबंधन द्वारा कांग्रेस को दिए जाने के बाद उज्ज्वल रमण सिंह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस ने उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं, भाजपा के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल दिवंगत केशरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी इस चुनाव से पूर्व कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रहे। हालांकि भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नीरज ने जबरदस्त चुनाव प्रचार किया, लेकिन वह जनता का विश्वास हासिल ना कर सके। इलाहाबाद सीट, प्रयागराज जिले में है और यहां 18 लाख से अधिक मतदाता हैं जिसमें ज्यादातर मतदाता यमुनापार के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं।

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