CM योगी द्वारा गोमती नदी के तट पर की गई सफाई महज दिखावाः अखिलेश

Edited By Ruby,Updated: 25 Jun, 2018 12:08 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को गोमती नदी के तट पर की गई सफाई को महज दिखावा करार देते हुए सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नदियों को निर्मल प्रवाहमान बनाए रखने की इच्छाशक्ति भाजपा में नहीं है।...

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को गोमती नदी के तट पर की गई सफाई को महज दिखावा करार देते हुए सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नदियों को निर्मल प्रवाहमान बनाए रखने की इच्छाशक्ति भाजपा में नहीं है। यादव ने कहा कि लखनऊ की जीवनधारा गोमती नदी को निर्मल बनाने की योजना समाजवादी सरकार में बनाई गयी थी और उस दिशा में ठोस कदम उठाए थे। 

उन्होंने कहा कि गोमती नदी के किनारे विश्वस्तरीय रिवरफ्रंट बनाया जहां बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है। भाजपा सरकार ने आते ही बदले की भावना से समाजवादी सरकार के जनहित के लोकप्रिय निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी। रिवरफ्रंट की हरियाली समाप्त कर दी और वहां लगे फाउन्टेन आदि बेकार हो गए। अब तो पूरी गोमती नदी में भयावह स्थिति तक जलकुंभी का साम्राज्य है।   

सपा अध्यक्ष ने कहा कि गोमती नदी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। नदी में गंदे नालों का उसमें गिरना जारी है। नदी की सफाई की बस बाते भर होती है। दिखावे के लिए मुख्यमंत्री भी पहुंच गए लेकिन नदियों को निर्मल प्रवाहमान बनाए रखने की इच्छाशक्ति भाजपा में नहीं है। स्वयं प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में गंगा आज भी मैली है। काली नदी की सफाई किए बगैर गंगा नदी की स्वच्छता संभव नहीं है। यमुना नदी तो मृत प्राय: हो गयी है।

अखिलेश ने कहा कि राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना तो दिखाया गया लेकिन इसके लिए इमानदारी से ठोस प्रयास नहीं किए गए। केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार 100 स्वच्छ शहरों में लखनऊ फिसड्डी माना गया है। प्रदेश के अधिकतर शहरों में सफाई की स्थिति काफी खराब पाई गई है। प्रधानमंत्री मोदी की वाराणसी 29वें नंबर पर है। स्वच्छ भारत अभियान की वास्तविकता के दर्शन तो किसी गली मुहल्लें में जाकर किए जा सकते हैं। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का हल्ला भी खूब मचाया गया।  

उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार अपने 15 महीने के कार्यकाल में अपनी एक भी उपलब्धि गिनाने में सफल नहीं है। इस बीज जनहित के किसी कार्य की शुरूआत भी नहीं हो सकी। सच तो यह है कि भाजपा के पास जनकल्याण की न तो भावना है और नहीं उस बारे में कोई दृष्टि है। किसी ठोस योजना और संकल्पशक्ति का भी उसमें अभाव है। सत्ता उसके लिए सिर्फ अपने स्वार्थ साधन का माध्यम है। 

यादव ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य की सरकारों को डबल इंजन की सरकार कहकर जनता को भुलावे में डाला गया था। इसकी सच्चाई से अब जनता अच्छी तरह अवगत हो गई है। इन सरकारों से जनसामान्य का पूरी तरह मोहभंग हो गया है। 2019 में भाजपा के विकास विरोधी आचरण पर जनता अविश्वास की मुहर लगाकर अपना निर्णय देगी। 
 

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