Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Dec, 2019 01:13 PM
मायावती ने वीरवार को सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रेस कॉंफ्रेस की। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बिल पर पुर्नविचार करना चाहिए।
लखनऊ: मोदी कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी। जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल को लेकर विपक्षी पार्टियां और पूर्वोत्तर में कई संगठन विरोध कर रहे हैं। जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल हैं। मायावती ने वीरवार को सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रेस कॉंफ्रेस की। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बिल पर पुर्नविचार करना चाहिए। किसी पर इसे जबरन ना थोपा जाए। नागरिकता संशोधन बिल संविधान पर हमला है। उन्होंने कहा कि धारा 370 से हम सहमत थे इसलिए सरकार के साथ खड़े रहे, लेकिन हम नागरिक संशोधन विधेयक का जमकर विरोध करेंगे।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी वर्ग को 10 साल और आरक्षण बढाए जाने के फैसले पर भी मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी। मायावती ने कहा कि मेरी सरकार से आग्रह है कि केंद्र और प्रदेश की नौकरियों में खाली पड़े एससी-एसटी पदों को शीघ्र ही भरा जाए। आजादी के बाद से अभी तक सही मायने में आरक्षण को लागू नहीं किया गया है।
गौरतलब कि गृहमंत्री अमित शाह ने हाल में राज्यसभा में कहा था कि उनकी सरकार पूरे देश में एनआरसी लागू करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि देश के सभी नागरिक इस मुहिम के दायरे में लाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि किसी भी धर्म के लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसका मकसद किसी खास धर्म के लोगों के साथ भेदभाव करना नहीं है।