Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Nov, 2019 10:56 AM
आंगनबाड़ी जिन के ऊपर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की पोषण की जिम्मेदारी हुआ करती थी लेकिन अब यह आगनबाडी आने वाले समय में एक नए लुक में दिखाई देंगे जिसको लेकर इन दिनों इनका प्रशिक्षण चल रहा है
ग़ाज़ीपुर: आंगनबाड़ी जिन के ऊपर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की पोषण की जिम्मेदारी हुआ करती थी लेकिन अब यह आगनबाडी आने वाले समय में एक नए लुक में दिखाई देंगे जिसको लेकर इन दिनों इनका प्रशिक्षण चल रहा है । जिसमें आने वाले समय में 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को बिना किताब बिना बैग के गीत,संगीत व भाव गीत आदि के माध्यम से पढ़ाने का कार्य करेंगी। यह प्रशिक्षण जनपद के सभी ब्लॉक को में बनाए गये पांच मॉडल आगनबाडी केंद्रों पर कराया रहा है।
चाइल्ड केयर एजुकेशन के माध्यम से जनपद में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में से प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 मॉडल आगनबाडी केंद्र बनाकर बच्चों को बिना किताब और बिना बैग के शिक्षा दिए जाने के पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम इन दिनों चल रहा है। जिसमें बच्चों को भाव गीत संगीत के साथ उनके सर्वांगीण विकास के अन्तर्गत सामाजिक , शारीरिक,बौद्धिक ,मानसिक व भाषा का विकास आंगनबाड़ी के द्वारा किया जायेगा । इन केंद्रों पर मास्टर ट्रेनर के द्वारा मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों को तैयार किया जा रहा है । इस तरह जनपद के प्रत्येक परियोजना में 10-10 आंगनबाड़ी केंद्र ई सी सी ई मॉडल के आधार पर तैयार किए जाएंगे।
प्रशिक्षण में केंद्र पर प्राप्त संसाधनों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र को सुसज्जित करने व अधिक से अधिक बच्चों को केंद्रों पर एकत्र करने एवं समय सारणी के अनुसार केंद्रों को संचालन करने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मॉडल केंद्रों को ईसीसीई पैटर्न के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित हो रही है। जिसमें बच्चों को कागज पर आकार बनाकर विभिन्न प्रकार के रंगों को भरना ,चित्र के माध्यम से कहानी सुनाना ,कपड़ों के विभिन्न आकार त्रिकोण चौकोर गोल आयताकार इत्यादि की जानकारी देने के साथ ही भाव गीत के माध्यम से गिनती और अक्षरों का ज्ञान कराना सिखाया जा रहा है।