Edited By Ramkesh,Updated: 11 Mar, 2024 12:49 PM
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने अपनी मां संग ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा पहुंची। इस दौरान उन्होंने अपने मां के साथ लगभगभ 1 घंटे तक ताजमहल की खूबसूरती को देखा। वहीं जब साइना नेहवाल के बारे में पर्यटकों का पता चला तो सेल्फी लेने की लागों...
आगरा: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने अपनी मां संग ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा पहुंची। इस दौरान उन्होंने अपने मां के साथ लगभगभ 1 घंटे तक ताजमहल की खूबसूरती को देखा। वहीं जब साइना नेहवाल के बारे में पर्यटकों का पता चला तो सेल्फी लेने की लागों की भीड़ लगा गई है। साइना ने बताया कि वह 10 वर्ष पूर्व अपने पिता हरवीर सिंह नेहवाल के साथ ताजमहल देखने आई थीं और आज वह अपनी मां के साथ आई हैं।
वहीं, साइना की मां उषा ने कहा कि मुगल शहंशाहों में शाहजहां सबसे अच्छा था, उसने अपनी बेगम की याद में इतना सुंदर स्मारक बनवाया। साइना करीब 1 घन्टे तक ताजमहल में रुकीं। साइना नेहवाल ने बताया कि 2021 में वह आगरा में पति पारुपल्ली कश्यप के साथ आई थीं। तब यहां तीन दिन रुकी थीं और सभी स्मारक देखे थे। उनके घर में एक डाग है, जिसे अकेला नहीं छोड़ सकते हैं। इसलिए पहले वह अपनी मां को ताजमहल दिखाने नहीं ला सकी थीं। लेकिन आज उन्होंने अपनी मां को ताज का दीदार कराया है। इसके बाद वह सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो गईं।
आप को बता दें कि साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार, हरियाणा के एक जाट परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम डॉ॰ हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा नेहवाल है। साइना साईं के नाम से बना है। सायना ने शुरुआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम, हैदराबाद में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया। माता-पिता दोनों के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था। पिता हरवीर सिंह ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पूरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया।
सायना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं। वे विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन विजेता रह चुकी हैं। ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का काँस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2006 में एशियाई सैटलाइट प्रतियोगिता भी जीती है।
उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।