Loksabha Election 2019: एक नजर अमेठी लोकसभा सीट पर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 May, 2019 10:56 AM

अमेठी लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां अब तक 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं। जिनमें 16 बार कांग्रेस ने चुनाव जीता है। अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि अमेठी के किले को भेदना कितना मुश्किल है। इस सीट पर एक बार बीजेपी नो तो एक बार...

अमेठी लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां अब तक 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं। जिनमें 16 बार कांग्रेस ने चुनाव जीता है। अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि अमेठी के किले को भेदना कितना मुश्किल है। इस सीट पर एक बार बीजेपी नो तो एक बार लोकदल ने चुनाव जीता। दूसरी पार्टियां यहां से जीतने की सोच भी नहीं सकती। 2014 के लोकसभा चुनाव में लोगों को लग रहा था कि राहुल गांधी को यहां से कोई मुश्किल हो सकती है।क्योंकि बीजेपी से स्मृति ईरानी और आमआदमी पार्टी से कुमार विश्वास मैदान में थे, लेकिन राहुल ने सबको धता बताते हुए चुनाव जीत लिया।
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हालांकी ये सीट 1967 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई, लेकिन इससे पहले यह क्षेत्र सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था। 1952 के चुनाव में कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर यहां से चुनाव जीते थे। 1957 के लोकसभा चुनाव में मुसाफिरखाना सीट अस्तित्व में आई तो यहां से केशकर फिर से चुनाव जीत गए। मुसाफिरखाना मौजूदा समय में अमेठी जिले की तहसील है। वहीं 1962 के लोकसभा चुनाव में राजा रणंजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर संसद पहुंचे। मौजूदा अमेठी सीट पर 1967 में पहली बार चुनाव हुए। तब कांग्रेस के विद्दाधर वाजपेयी सांसद बने। विद्दाधर 1971 में भी सांसद चुने गए। 1977 के चुनाव में कांग्रेस ने संजय गांधी को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन संजय बीएलडी के रविंद्र प्रताप सिंह से चुनाव हार गए। वहीं 1980 में दुबारा हुए चुनाव में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी यहां से चुनाव जीते और इसे गांधी परिवार के सीट में बदला। 1980 में ही हुए विमान दुर्घटना में संजय गांधी का निधन हो गया। इसके बाद 1981 में हुए उपचुनाव में इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए।

लेकिन 1984 में इंदिरा के हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गांधी इस सीट से एक बार फिर मैदान में थे। राजीव के सामने उनके भाई संजय की पत्नी मेनका गांधी निर्दलीय ही मैदान में थी, लेकिन राजीव चुनाव जीत गए और मेनका को महज 50 हज़ार वोट मिल सके। राजीव यहां से 1989 और 1991 में भी चुनाव लड़े। 1991 के नतीजों से पहले राजीव की हत्या कर दी गई। इसके बाद बुए चुनाव में कैप्टन सतीश शर्मा चुनाव लड़कर यहां से संसद पहुंचे। 1996 में भी शर्मा ही यहां से सांसद बने, लेकिन 1998 में शर्मा बीजेपी के संजय सिंह के हाथों चुनाव हार गए। 1999 में सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा और अपने पति की सीट को कर्मभूमी बनाया। सोनिया यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंची, लेकिन 2004 के चुनाव में अपने बेटे राहुल गांधी के लिए सोनिया ने ये सीट छोड़ दी। 2004 से अब तक राहुल गांधी ही यहां से चुनाव जीतते आ रहे है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी राहुल के सामने मैदान में है।

अमेठी में आती हैं पांच विधानसभा सीटें

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अमेठी लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अमेठी जिले की तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीटें शामिल हैं। जबिक रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट शामिल है।
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2017 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों में से 4 सीटों पर बीजेपी और महज एक सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी। इस विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा ने तो गौरीगंज सीट जीत ली, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

एक नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर
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2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर कुल 17 लाख 18 हज़ार 401 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 12 हज़ार 459 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 5 हज़ार 801 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 141 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2014 के लोकसभा चुनाव में चल रहे मोदी लहर में कांग्रेस अपनी 2 परंपरागत सीटों को बचा पाने में कामयाब रही थी। इनमें से अमेठी सीट एक थी। अमेठी से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी ने बीजेपी की स्मृति ईरानी को चुनाव हराया था। राहुल गांधी को कुल 4 लाख 8 हज़ार 651 वोट मिले थे। वहीं स्मृति ईरानी दूसरे नंबर पर रही। स्मृति ईरानी को कुल 3 लाख 748 वोट मिले थे।तीसरे नंबर पर बसपा के धर्मेंद्र प्रताप सिंह रहे। धर्मेंद्र को कुल 57,716 वोट मिले।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2009 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ही चुनाव जीते। राहुल गांधी को कुल 4 लाख 64 हज़ार 195 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के आशीष शुक्ला रहे। आशीष को कुल 93 हज़ार 997 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह रहे। प्रदीप को कुल 37 हज़ार 570 वोट मिले थे।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2004 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी पहली बार चुनाव लड़े और इससे पहले यहां से सोनिया गांधी सांसद थी, लेकिन पहले ही चुनाव में राहुल गांधी ने भारी अंतर से जीत दर्ज की। राहुल को इस चुनाव में कुल 3 लाख 90 हज़ार 179 वोट मिले। जबकी दूसरे नंबर पर बसपा के चंद्र प्रकाश मिश्रा रहे। मिश्रा को कुल 99 हज़ार 326 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के संत राम विलास वेदांती रहे। वेदांती को कुल 55 हज़ार 438 वोट मिले।

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