अखिलेश का बड़ा फैसला: कैराना-नूरपुर उपचुनाव में नहीं करेंगे प्रचार, सामने आई ये वजह

Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 May, 2018 01:10 PM

akhilesh decision will not be publicity in karana noorpur bypoll

कैराना-नूरपुर में हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही हैं। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे राजनीति घटनाक्रम भी तेजी से करवट ले रहा है। गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार देने के बाद अब विपक्ष कैराना और...

लखनऊः कैराना-नूरपुर में हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो रही हैं। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे राजनीति घटनाक्रम भी तेजी से करवट ले रहा है। गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार देने के बाद अब विपक्ष कैराना और नूरपुर उपचुनाव की तैयारी है, लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार नहीं करने का फैसला लिया है।

जानिए क्या है वजह?
सूत्रों की माने तो बड़ी रैलियों से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है और यह बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है। महागठबंधन की नजरें फिलहाल गुर्जर और जाट वोट बैंक पर है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने औपचारिक तौर पर रालोद उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है। लेकिन चर्चा है कि 27 मई को होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में मायावती औपचारिक तौर पर तबस्सुम हसन को समर्थन का ऐलान कर सकती हैं। 

बता दें कि, कैराना लोकसभा सीट से तबस्सुम हसन चुनाव लड़ रही हैं। वे सपा की नेता रही हैं और उनके बेटे नाहिद हसन मौजूदा समय में सपा से ही विधायक हैं। उपचुनाव में रालोद-सपा के साथ हुए गठबंधन पर तबस्सुम हसन को जयंत चौधरी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया। जबकि नूरपुर में सपा खुद चुनाव लड़ रही है, लेकिन अखिलेश दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगे। 

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