दिल्ली-NCR में प्रदूषण व पराली नियंंत्रण को लेकर नीतियां बनाएगी वायु गुणवत्ता कमिशन

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 24 Nov, 2020 11:42 AM

air quality commission will formulate policies regarding pollution and stubble

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए नवगठित आयोग ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण काबू करने के लिए उचित नीतियां बनाने और पराली जलाने पर नियंत्रण...

नयी दिल्ली: वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए नवगठित आयोग ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण काबू करने के लिए उचित नीतियां बनाने और पराली जलाने पर नियंत्रण संबंधी रणनीतियों समेत आवश्यक कदम उठाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने आप के तीन विधायकों के साथ बैठक के बाद एक बयान में यह कहा।

बैठक में दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने आयोग से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने के लिए पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को जिम्मेदार ठहराने का आग्रह किया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित आयोग ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने आप के तीन विधायकों को बताया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए उचित नीतियां बनाने और पराली जलाने पर नियंत्रण संबंधी रणनीतियों समेत प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कदम उठाएगा और इसके लिए वह संबंधित पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श करेगा।''

आतिशी ने बैठक के बाद कहा कि ‘‘हमने उनसे कहा है कि वे हरियाणा और पंजाब सरकारों को पूसा संस्थान द्वारा तैयार घोल का जल्द से जल्द इस्तेमाल करने के लिए कहें। पहले कहा जाता था कि पराली जलाये जाने संबंधी मुद्दे का कोई हल नहीं है लेकिन अब एक समाधान आया है इसलिए इसे लागू किया जाना चाहिए।'' भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, के वैज्ञानिकों के अनुसार ‘‘पूसा बायो-डिकम्पोजर' घोल 15 से 20 दिनों में पराली को गला कर खाद में बदल सकता है इसलिए पराली जलाये जाने से बचा जा सकता है।

 

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