Edited By Ramkesh,Updated: 23 Sep, 2024 08:44 PM
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी ने जिले के स्मारकों के रखरखाव के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखा है। अशफाक सैफी का कहना है कि...
आगरा, (मानवेन्द्र मल्होत्रा): राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी ने जिले के स्मारकों के रखरखाव के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखा है। अशफाक सैफी का कहना है कि आगरा ऐतिहासिक शहर है। यहां विश्व धरोहर स्मारक हैं। देश में सबसे ज्यादा पर्यटक ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा और एत्माद्दौला देखने आते हैं।
उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से देश दुनिया में शहर की छवि खराब हो रही है। बरसात में ताज महल की मुख्य इमारत पर पौधे उग आते हैं तो वहीं बंदर और कुत्ते पर्यटकों पर हमला कर उन्हें चोट पहुंचा रहे हैं। उचित रखरखाव न होने के कारण ताजमहल जैसे स्मारक में खुले में मूत्र, शौच करने और स्नान करने की घटनाएं हो रही हैं। फतेहपुर सीकरी स्मारक में न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर मोटी रकम वसूल करके 25 गाइड बना दिए गए हैं। उनका आरोप है कि स्मारकों पर लड़कों द्वारा वसूली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि फतेहपुर सीकरी में दुकानें खुलवा दी हैं जहां कई तरह के सामान बेचे जाते हैं। विदेशी पर्यटकों को पानी की बोतल 200 रुपये में बेची जाती है। इनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुरातत्व विभाग के अधिकारी इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। रखरखाव और सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्य चहेते ठेकेदारों को दिलाकर मोटा कमीशन वसूल किया जा रहा है।
उनका आरोप है कि अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल को सलाना करोड़ों का कमीशन जाता है। गैर अनुभवी और बाहरी इंजीनियरों से एस्टीमेट बनवाए जाते हैं। राजकुमार पटेल ने मित्र और अन्य लोगों के नाम से बेनामी संपत्तियां अर्जित की हैं। अशफाक सैफी भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक से भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की है।