Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Nov, 2018 03:02 PM
सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनपद सम्भल निवासी कुलदीप कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सम्भल को आवेदन पत्र देकर जानकारी चाही थी कि जिला सम्भल में झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध नियम के तहत क्या कार्रवाई की गई है।
लखनऊ: सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनपद सम्भल निवासी कुलदीप कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सम्भल को आवेदन पत्र देकर जानकारी चाही थी कि जिला सम्भल में झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध नियम के तहत क्या कार्रवाई की गई है। यदि वर्तमान में किसी चिकित्सक द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है, तो दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध नियमानुसार क्या कार्रवाई की जा रही है, से सम्बन्धित बिंदुओं की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध करवाई जाएं परन्तु विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी नहीं दी गई। अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है।
राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी सम्भल को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाए गए बिंदुओं की बिंदुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अंदर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध करवाते हुए आयोग को अवगत करवाएं परन्तु प्रतिवादी ने ना तो वादी द्वारा उठाए गए बिंदुओं की सूचना वादी को उपलब्ध करवाई और न ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी जानबूझकर वादी को सूचना उपलब्ध नहीं करना चाहता है। इसलिए प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सम्भल को वादी को सूचना उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए, उनके विरुद्ध आज की तिथि से 250 रुपए प्रतिदिन का अर्थदंड अधिरोपित किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपए है।
उधर डॉ. अमिता सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी सम्भल ने बताया कि 38 झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था, जिनके विरुद्ध सम्बन्धित थानों में इंडियन मेडिकल कौंसिल एक्ट व अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफआईआर प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है और उनके क्लीनिक को बंद करवा दिया गया है।