भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राह दिखाएंगे 11 विश्वविद्यालय, दी गई सवा सौ करोड़ की धनराशि

Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Mar, 2024 06:01 PM

11 universities will show the way to develop the country

विकसित भारत का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है।

लखनऊ: विकसित भारत का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है। इसी लक्ष्य पूरा करने के लिए शासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। लखनऊ समेत प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों को सम्मिलित सवा सौ करोड़ की धनराशि दी गई है। इस धनराशि से विशेषज्ञ और छात्र मिलकर शोध और नवाचार करेंगे।

लखनऊ विश्वविद्यालय सहित 11 विवि को दी गई जिम्मेदारी
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें विकसित भारत की तस्वीर को साकार करना चाहती है। इसके लिए शासन ने अध्ययन के क्षेत्र में शोध और बदलाव का सहारा लिया है। इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय सहित 11 विवि को जिम्मेदारी दी गई है। इन विवि के विशेषज्ञ शोधार्थियों के साथ मिलकर शोध और नवाचार लाएंगे।

संत परंपरा से सांस्कृति विरासत तक पर रहेगा फोकस: डॉ. गिरीश कुमार द्विवेदी
उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विवि के प्रवक्ता डॉ. गिरीश कुमार द्विवेदी ने बताया कि शोध और नवाचार के रूप में भारतीय संत परंपरा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत संस्कृति से जुड़ी पुरानी पद्धतियों को छात्रों के समक्ष लाया जाएगा। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि की डॉ. पूनम चौधरी ने कहा कि उ.प्र. में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक विरासत को आगे लाना आवश्यक है।

नई तकनीकी ही गांव के विकास को आगे बढ़ा सकती हैः डॉ. छवि शर्मा
महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विवि बरेली की डॉ. छवि शर्मा का मानना है कि नई तकनीकी ही गांव के विकास को आगे बढ़ा सकती है। जो शोध किये जाएंगे, उसके आधार पर किताबें प्रकाशित होंगी। इसके सहारे छात्रों को कुछ नया करने और सीखने में मदद मिलेगी। प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में प्रकाशित पुस्तकें हस्तांतरित किये जाने के निर्देश मिले हैं। शोध में मशीनों का आधुनिकीकरण, प्लास्टिक मेटेरियल का निस्तारण, स्वास्थ्य, बच्चों से जुड़ी बीमारियों को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। शोध में निकले परिणाम से संबंधित विभाग को भेजा जाएगा। ताकि इनका प्रयोग कर होने वाली दिक्कतों को कम किया जा सके।

इन विवि को किया गया है सम्मिलित
संयुक्त सचिव प्रेम कुमार पाण्डेय की ओर से जारी किये गए आदेश में प्रदेश के 11 विवि सम्मिलित किये गए हैं। इसमें लखनऊ विवि, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विवि बरेली, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ, डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि आगरा, सिद्धार्थ विवि कपिल वस्तु सिद्धार्थनगर, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर, दीनदयाल उपाध्याय विवि गोरखपुर, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि लखनऊ, उप्र राजर्षि टण्डन मुक्त विवि प्रयागराज और छत्रपति साहूजी महाराज विवि कानपुर सम्मिलित हैं।

 

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