Indian Air Force : वायुसेना का 91वां स्थापना दिवस आज, 100 से अधिक विमान-हेलीकॉप्टर करेंगे प्रदर्शन

Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Oct, 2023 10:15 AM

91st foundation day of air force today 100 aircraft helicopters will perform

भारतीय वायुसेना अपने मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए रविवार को प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में अपने नए ध्वज का अनावरण करेगी। नौसेना द्वारा अपने औपनिवेशिक अतीत को छोड़कर ध्वज में बदलाव करने के एक साल से अधिक समय बाद....

यूपी डेस्क: भारतीय वायुसेना अपने मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए रविवार को प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में अपने नए ध्वज का अनावरण करेगी। नौसेना द्वारा अपने औपनिवेशिक अतीत को छोड़कर ध्वज में बदलाव करने के एक साल से अधिक समय बाद वायुसेना ने यह कदम उठाया है। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि रविवार, 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस के अवसर पर यहां परेड ग्राउंड पर वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी नए वायुसेना ध्वज का अनावरण करेंगे। इस वर्ष वायु सेना अपनी स्थापना के 91वें वर्ष पूरी कर रही है जिसके उपलक्ष्य में यहां संगम क्षेत्र में 8 अक्टूबर को एयर शो का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें चिनूक, चेतक, जगुआर, अपाचे, राफेल समेत कई विमान आपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।

भारतीय वायुसेना के इतिहास में 8 अक्टूबर एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में किया जाएगा दर्ज
मिली जानकारी के मुताबिक, वायुसेना ने कहा कि 8 अक्टूबर भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर, वायु सेना प्रमुख वायुसेना के नए ध्वज का अनावरण करेंगे। नए ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायुसेना का चिह्न होगा। आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर, 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर दक्षता और उपलब्धियों को देखते हुए, मार्च 1945 में बल को ‘रॉयल' उपसर्ग से सम्मानित किया गया था। इसलिए, यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) बन गई थी। साल 1950 में, भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना ‘रॉयल' उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था।

पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘इतिहास में पीछे जाएं, तो रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड (बाहरी हिस्से) पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। स्वतंत्रता के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ‘ट्राई कलर राउंडेल' के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था।'' कैंटन एक आयताकार प्रतीक है जो झंडे के ऊपर बाईं ओर बनाया जाता है, जो आमतौर पर झंडे के एक चौथाई हिस्से में होता है। किसी झंडे का कैंटन अपने आप में एक झंडा हो सकता है।

हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है ‘भारतीय वायु सेना'
विज्ञप्ति के मुताबिक अब ‘एनसाइन' के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में ‘सत्यमेव जयते' शब्द है। अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है। हल्के नीले रंग का एक वलय हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है ‘भारतीय वायु सेना'। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है जिसे भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है ‘वैभव के साथ आकाश को छूना'।

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