पिछड़ों को धोखा देने वालों को कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं: सुशील

Edited By prachi,Updated: 24 Jan, 2020 07:31 PM

statement of sushil modi

बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं कांग्रेस पर पिछड़ों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे राजनीतिक दलों को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं है।...

पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं कांग्रेस पर पिछड़ों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे राजनीतिक दलों को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने का अधिकार नहीं है।

सुशील मोदी ने शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की 96वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की उपाधि से नवाजे जाने की मांग करते हुए कहा कि बाद के दिनों में अतिपिछड़ों की सूची में करीब दो दर्जन नई जातियों को जोड़ा गया है, इसलिए आने वाले दिनों में पंचायत में अति पिछड़ों के कोटा को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

भाजपा नेता ने कहा कि पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाले राजद-कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों को धोखा दिया है। पिछड़ों-अतिपिछड़ों को धोखा देने वाले राजद-कांग्रेस को कर्पूरी जयंती मनाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1952 में गठित काका कालेलकर कमिटी की रिपोटर् 1953 में आ गई थी लेकिन कांग्रेस को उसे लागू करने की हिम्मत नहीं हुई थी। इसी तरह जनसंघ के सहयोग से 1977 में बनी मोरारजी देसाई की सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया लेकिन 10 वर्षों तक कांग्रेस उसकी रिपोर्ट को लागू नहीं कर पाई।

मोदी ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण दिया। इस सरकार में जनसंघ के कैलाशपति मिश्र भी शामिल थे। मंडल आयोग की रिपोटर् भी भाजपा के समर्थन से चलने वाली विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने लागू की। बिहार में जब 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी तब जाकर स्थानीय निकायों में अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। नतीजतन आज अतिपिछड़ा समाज के 1600 से ज्यादा मुखिया चुन कर आए हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि राजद-कांग्रेस ने तो वर्ष 2003 में आरक्षण का प्रावधान किए बिना 27 वर्षों के बाद हुए पंचायत चुनाव में पिछड़ों की हकमारी की। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा सवर्ण गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विरोध करने वाले राजद ने कर्पूरी ठाकुर द्वारा ऊंची जाति के गरीबों को दिए गए तीन प्रतिशत आरक्षण को सत्ता में आने के बाद खत्म कर दिया था। बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। मोदी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 25 अतिपिछड़ों को टिकट दिया, जिनमें से 12 जीत कर आए। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सात के साथ आज विधानसभा में राजग के 19 विधायक अतिपिछड़ा समाज से हैं। वहीं, राजद-कांग्रेस ने मात्र पांच को टिकट दिया था, जिनमें से तीन जीते थे। लोकसभा में राजग के सात सांसद अतिपिछड़ा वर्ग से हैं। भाजपा अतिपिछड़ों की हमेशा से हितैषी रही है।

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