यहां नौनिहालों का क्या होगा भविष्य, जहां महीने में 2 बार खुलता है स्कूल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 01:35 PM

what will happen to future of childrens where the school opens twice a month

उत्तर प्रदेश में बिगड़ते शिक्षा के स्तर को सही करने में योगी सरकार विफल नजर आ रही है। ऐसे में देश का भविष्य कहे

मथुरा(मदन सरस्वत): उत्तर प्रदेश में बिगड़ते शिक्षा के स्तर को सही करने में योगी सरकार विफल नजर आ रही है। ऐसे में देश का भविष्य कहे जाने वाले नौनीहालों का अपना भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है। वहीं प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसा हम इस रिर्पोट के मुताबिक कह रहे हैं, जहां कहने को विद्यालय तो है लेकिन खुलता कब है ये पता नहीं।

जानकारी के मुताबिक ये नजारा विकास खंड के गांव बढ़ौता के प्राथमिक विद्यालय का है, जहां शिक्षक और शिक्षाधिकारियों की मिली भगत से सर्व शिक्षा अभियान का नारा महज एक मखौल बनकर रह गया है। यहां प्रधान अध्यापिका गुंजन गौतम,सहायक अध्यापक मेघा मिश्र के अलावा एक शिक्षा मित्र नारायण सिंह की नियुक्ति है।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि विद्यायल माह में केवल एक या दो बार ही खुलता है उसके खुलने का भी कोई नियमित समय नहीं है। विद्यालय में छात्र संख्या बहुत कम है। उनका कहना था कि विद्यालय न खुलने के कारण उसने मजबूरन अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूल में करवाना पड़ रहा है। हम प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस देने में असमर्थ हैं। इसी कारण बच्चे घर में ही बैठे हैं।

महिला गुड्डी देवी ने बताया कि स्कूल में एक मैडम महीने में कभी कभार आती है। बच्चे स्कूल के बाहर रखे मिड डे मील के खाने को खाकर अपने घर वापस चले जाते हैं। प्रधान प्रतिनिधि किशनवीर सिंह का कहना था कि इस विद्यालय की शिकायत कई बार बीएसए एवं एबीएसए से कर चुके है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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