Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 01:50 PM
भले ही प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी एम्बुलेंस सेवा मरीज़ों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है। हालात यह हैं कि कौशांबी...
कौशांबीः भले ही प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी एम्बुलेंस सेवा मरीज़ों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है। हालात यह हैं कि कौशांबी जिले में 108 पर कॉल करने के बावजूद भी एम्बुलेंस मरीज के घर नहीं पहुंची। जिसके चलते मरीज के परिजनों को बीमार व्यक्ति को ठेले पर लादकर लगभग 2 किलो मीटर दूर जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। इस दौरान मरीज और उसके परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक मंझनपुर कोतवाली के गांधी नगर कस्बे का रहने वाला उमा शंकर टीबी का मरीज है। उमा शंकर की अचानक तबियत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा को कॉल किया। लेकिन उन्हें एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हुई। जिसके बाद बीमार बेटे को ठेले पर लादकर लगभग 2 किलो मीटर का सफर तय कर पिता राम औतार जिला अस्पताल पहुंचा।
इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा भी उसे एम्बुलेंस सुविधा नहीं मुहैया कराया गया तो पिता राम औतार इलाज के बाद उसी ठेले पर लादकर वापस घर पहुंचा। स्वास्थ्य महकमें की पोल खोल रही इस तस्वीर ने इंसानियत को भी झखझोर कर रख दिया है। वहीं पूरे मामले में जिम्मेदार अफसर भी कैमरे के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।