Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 11:58 AM
संसद में मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक दिए जाने के खिलाफ बिल पास हो चुका है। लेकिन बिल पास होने के बाद भी एक साथ तीन तलाक दिए जाने की..
मेरठ(आदिल रहमान)--संसद में मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक दिए जाने के खिलाफ बिल पास हो चुका है। लेकिन बिल पास होने के बाद भी एक साथ तीन तलाक दिए जाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा ही एक मामला मेरठ से सामने आया है। यहां साल के पहले दिन ही एक मुस्लिम महिला तीन तलाक की शिकार हुई है।
जानकारी के मुताबिक जिले की इंचौली इलाके की निवासी उजमा परवीन की शादी 2 साल पहले लावण के घासमंडी मुहल्ले के फिरोज खान से हुई थी। पीड़िता की मानें तो इन 2 साल के दौरान फिरोज और उसके परिवार ने उस पर पर बेतहाशा जुल्म ढाये।
इसी दौरान हद तो तब हो गई जब 29 दिसंबर 2017 की दोपहर फिरोज और उसके परिवार ने उसे यह कहकर पीटना शुरू कर दिया कि वह फिरोज को औलाद नही दे सकी। इस बात पर ही पीड़िता के पति ने उसे तीन बार तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया। तलाक के बाद जुल्मी शौहर ने पीड़िता को एक तलाकनामा भी थमा दिया।
वहीं जब पीड़िता अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंची तो वहां भी उसकी किसी ने नहीं सुनी। जिसके बाद एसपी सिटी को इस मामले की जानकारी दी गई तो एसपी सिटी ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने का वायदा किया। खैर देखना यह होगा कि पीड़िता को इंसाफ मिलता है या नहीं।