Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 02:50 PM
यूपी सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मंदिरों, मस्ज्दिों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए, क्योंकि अवैध लाउडस्पीकर हटाने की आखिरी तारीख 15 जनवरी तक थी।
लखनऊ: यूपी सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मंदिरों, मस्ज्दिों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए, क्योंकि अवैध लाउडस्पीकर हटाने की आखिरी तारीख 15 जनवरी तक थी।
प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने बताया कि धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक जगहों से लाउडस्पीकर हटाने की आखिरी तारीख सोमवार को समाप्त हो गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 7 जनवरी को प्रदेश सरकार ने 10 पन्नों का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया था। इसमें स्थाई रूप से लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का फार्म और जिन लोगों ने लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं ली है उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया था। सरकार ने इस संबंध में प्रशासन से इजाजत लेने के लिए 15 जनवरी आखिरी तिथि निर्धारित की थी। इसके बाद 20 जनवरी से लाउडस्पीकर हटवाने का कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए थे।
प्रमुख सचिव (गृह) ने कहा कि सभी जिले के अधिकारियों से पूछा गया है कि जिन संस्थाओं या लोगों ने न तो लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत के लिए फार्म भरा है और न ही इस दिशा में दिए गए दिशा निर्देशों को माना है, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? यह कार्रवाई जिला स्तर पर की जाएगी। सरकार पहले ही लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का प्रोफार्मा जारी कर चुकी है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने पिछले महीने 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण में असफल रहने पर कड़ी नाराजगी जताई थी और राज्य सरकार से पूछा था कि प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों-- मस्जिदों, मंदिरो,गुरूद्वारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर संबंधित अधिकारियों से इसकी इजाजत लेने के बाद ही लगाए गए हैं। इसके बाद 7 जनवरी को सरकार द्वारा 10 पन्नों का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया गया। इसमें स्थाई रूप से लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का फार्म, जिन लोगों ने लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं ली है उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है।