शिक्षा के सिस्टम में झोल ही झोल, कहीं टीचर तो कहीं बच्चे नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 02:20 PM

in the  of education  somewhere a teacher is not a child

एक तरफ यूपी के कई स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर नही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी का एक स्कूल ऐसा भी है जहां सिर्फ 4 स्टूडेंट है और स्टाफ में 28 लोग। जो सरकार द्वारा हर महीने 17 लाख रुपए की मोटी रकम तनख्वा..

आगराः एक तरफ यूपी के कई स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर नही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी का एक स्कूल ऐसा भी है जहां सिर्फ 4 स्टूडेंट है और स्टाफ में 28 लोग। जो सरकार द्वारा हर महीने 17 लाख रुपए की मोटी रकम तनख्वाह के नाम पर ले रहे है और पढ़ाई के नाम पर इस स्कूल में सिर्फ खानापूर्ति होती है।
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जानकारी के मुताबिक मामला आगरा के विक्टोरिया इंटर कालेज का है। जहां कॉलेज के नाम पर बड़ी बिल्डिंग, बेंचों के साथ-साथ सारा सामान भी है। विक्टोरिया इंटर कालेज में पढ़ाई के अलावा सब कुछ है। कालेज में पूरा स्टाफ मौजूद है, पर स्कूल में छात्र एक भी नही दिखा। सन् 1865 में बना ये कॉलेज आज सफेद हाथी है। महीने में 17 लाख रूपए वेतन ये शिक्षक और बाकी कर्मचारी लेते हैं, लेकिन बच्चे कॉलेज क्यों नही आते हैं, इसका जवाब किसी के पास नही है।

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बता दें कि इस इंटर कालेज में कुल 28 लोगों का स्टाफ है। जिसमें 1 प्रिंसिपल, 2 प्रवक्ता,16 सहायक अध्यापक, 1 क्लर्क और 8 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। इस इंटर कालेज में पिछले 5 सालों से परीक्षा केन्द्र भी नही बनाया गया है। इस कालेज में संयुक्त शिक्षा निदेशक ने औचक निरीक्षण भी किया था। जिसके बाद उन्होंने उन 4 बच्चों की तस्वीरें अपने मोबाइल में सेव कर ली थी। वो खुद यकीन नही कर पा रहे हैं कि आखिर कैसे ये कॉलेज चल रहा है और अब तक किसी का ध्यान इस कालेज की तरफ क्यों नही गया। जबकि ये कालेज शहर के बीचो-बीच है।

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