Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 01:35 PM
बागपत में चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी और पट्टों को कब्जाने से नाराज होकर किसानों ने पंचायत की। जिसमें गांव के किसानों ने पलायन करने और धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी हैं। पंचायत ने फैसला किया कि यदि जल्द मांग...
बागपतः बागपत में चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी और पट्टों को कब्जाने से नाराज होकर किसानों ने पंचायत की। जिसमें गांव के किसानों ने पलायन करने और धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी हैं। पंचायत ने फैसला किया कि यदि जल्द मांग पूरी नही हुई तो वो गांव छोड़ जाएंगे। पंचायत के इस एलान से बागपत प्रशासन की नींद उड़ी हुई है।प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चकबंदी प्रक्रिया की जांच करने के आदेश दे दिए हैं।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक बागपत के बामनोली गांव में कई सालों से चकबंदी प्रक्रिया चल रही है, इस प्रक्रिया पर सवाल भी लंबे समय से खड़े होते आ रहे हैं। इसको लेकर किसानों ने कई बार अपने गुस्से का इजहार भी किया, मुख्यमंत्री से भी शिकायत की। लेकिन कोई हल नही निकला, अब किसानों ने गांव में पंचायत बुलाई और अपने गुस्से का इजहार किया। काफी देर तक पंचायत चली और जब फैसले की घड़ी आई तो किसानों ने एलान कर दिया कि यदि उनकी जमीन के पट्टे और चकबंदी प्रक्रिया में उन्हें सही जमीन नही मिली तो वो धर्म परिवर्तन कर लेंगे। साथ ही गांव से भी पलायन कर जाएंगे।
क्या कहना हैं ग्रामीणों का?
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बामनोली गांव के किसानों का गुस्सा भी वाजिब है। कई किसानों की उपजाऊ जमीन चकबंदी प्रक्रिया के बाद बदल दी गई और उन्हें कम उपजाऊ जमीन दी जा रही है। कई किसानों के खेत 2 हिस्सों में बट गए। कई किसानों की मौके की जमीन के खेतों के बीच में कर दी गई।
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
किसानों ने आरोप लगाया कि आला अधिकारियों से भी मिले और मुख्यमंत्री को भी शिकायती पत्र भेजा लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया और इसलिए अपनी बर्बादी से परेशान किसानों को कोई और रास्ता नहीं दिख रहा है। गांव के करीब 30 किसान परिवार ऐसे है कि जो इस चकबंदी प्रक्रिया से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहीं इस बारे में पंजाब केसरी टीम ने एसडीएम बड़ौत से बात की तो उन्होंने इस मामले की जांच कराने और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।