Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 04:17 PM
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘नोटबंदी’ के एक साल पूरे होने पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में उठाए गए ‘नोटबंदी’ के कदम से भ्रष्टाचार के अनेक नए स्रोतों का जन्म हुआ। इसका लाभ ‘भाजपा एण्ड कंपनी’ के...
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘नोटबंदी’ के एक साल पूरे होने पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में उठाए गए ‘नोटबंदी’ के कदम से भ्रष्टाचार के अनेक नए स्रोतों का जन्म हुआ। इसका लाभ ‘भाजपा एंड कंपनी’ के करीबी तथा चहेते लोगों ने ही उठाया है।
मायावती ने कहा कि 8 नवंबर, 2016 को मोदी सरकार द्वारा 500 तथा 1,000 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। यह कदम नेताओं तथा उद्योगपतियों को छोड़कर पूरे देश के लिए संकट साबित हुआ। भ्रष्टाचार तथा काले धन के अभिशाप से देश के लोग काफी दु:खी हैं, लेकिन इससे छुटकारा मिलता हुआ कहीं नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने नोटबंदी को भारत के इतिहास का एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि ‘पैराडाइज पेपर भांडाफोड़’ इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ‘भाजपा एंड कंपनी’ के लोग जनता को ठग रहे हैं। नोटबंदी के संबंध में सरकारी दावे एक के बाद एक पूरी तरह गलत तथा झूठे साबित हो रहे हैं। क्या भाजपा और मोदी सरकार इसके लिए जनता से माफी मांगेगी?
उन्होंने कहा, कि बसपा की सलाह है कि भाजपा नोटबंदी का एक साल पूरा होने के अवसर को ‘एंटी ब्लैक मनी डे’ मनाने के स्थान पर ‘नोटबंदी माफी दिवस’ के रुप में मनाए। मोदी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों की ही सरकार है और उनके हित तथा फायदे के लिए सब कुछ करने को तैयार रहती है।