Edited By ,Updated: 03 Dec, 2016 02:27 PM
हाल ही में हुए कानपुर भीषण रेल हादसे के बाद भी रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने के प्रति गंभीर नहीं है। लंबे अरसे से मानवरहित फाटकों पर लगातार हादसे होते आए हैं जिसमें न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
बिजनौर (उ.प्र.): हाल ही में हुए कानपुर भीषण रेल हादसे के बाद भी रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने के प्रति गंभीर नहीं है। लंबे अरसे से मानवरहित फाटकों पर लगातार हादसे होते आए हैं जिसमें न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसके बावजूद सरकार आंख बंद करके ये सब देख रही है। इन मानवरहित फाटकों पर न तो बैरिकेट लगाया गया है और न ही अभी तक कोई उचित व्यवस्था की गई है। रेलवे की इस लापरवाही की वजह से हादसे होते जा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में सामने आया है। जहां एक मानवरहित फाटक पर टे्रन की टक्कर से कार सवार पांच वर्षीय बालिका, उसकी मां और ताई की मौके पर ही मौत हो गयी। वहीं एक अन्य घटना में बस और डीसीएम की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गयी।
पुलिस के अनुसार सुबह लगभग दस बजे बिजनौर-किरतपुर मार्ग पर भोजपुर कौशल मानवरहित रेलवे फाटक पर एक कार लखनऊ से चंडीगढ़ जा रही एक्सप्रेस की चपेट में आ गयी। घने कोहरे और सीसे बंद होने के कारण कार चालक को ना ट्रेंन की सीटी सुनायी दी और नाहीं रेलगाडत्र्ी दिखी। हादसे में शिखा (5), उसकी मां नूतन और ताई बबली की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए।
वहीं एक अन्य घटना में घने कोहरे के कारण बिजनौर-मेरठ मार्ग पर बैराज के पास रोडवेज बस और डीसीएम की आमने-सामने की टक्कर में महताब और हरजीत की मौत हो गयी। पुलिस दोनों मामलों में आगे की कार्रवाई कर रही है।
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