Edited By Ramanjot,Updated: 11 Jun, 2022 06:00 PM
विजिलेंस सूत्रों ने बताया कि रामविलास यादव पूर्व में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य पदों पर भी वह आसीन रहे। इस दौरान, उन्होंने अकूत धन सम्पदा एकत्र की। आज सुबह एक अपर पुलिस अधीक्षक, विजीलेंस के नेतृत्व में उनके लखनऊ में...
देहरादूनः उत्तराखंड के गन्ना और समाज कल्याण विभाग के सचिव और अपर सचिव पदों पर नियुक्त आईएएस रामविलास यादव के देहरादून, लखनऊ, गाजीपुर स्थित ठिकानों पर शनिवार को उत्तराखंड सतकर्ता विभाग (विजिलेंस) की तीन टीमों ने तलाशी की। सचिव पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप हैं। यह छापेमारी उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार की अनुशंसा पर राज्य सरकार के आदेश पर हो रही है।
विजिलेंस सूत्रों ने बताया कि रामविलास यादव पूर्व में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य पदों पर भी वह आसीन रहे। इस दौरान, उन्होंने अकूत धन सम्पदा एकत्र की। आज सुबह एक अपर पुलिस अधीक्षक, विजीलेंस के नेतृत्व में उनके लखनऊ में सीतापुर मार्ग स्थित दिलकश बिहार और सरस्वती निकुंज रानी कोठी दो स्थानों, देहरादून में एक, गाजीपुर और गाजियाबाद में दो-दो स्थानों पर एक साथ छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार, आईएएस राम विलास के खिलाफ यूपी शासन ने जांच कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज भेज कर कार्यवाही की अनुशंसा की थी। वह यूपी में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के काफी करीबी थे। सरकार बदलते ही उन्होंने अपनी तैनाती उत्तराखंड करा ली। लेकिन यूपी सरकार को उनकी अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिल गई, जिसके बाद उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी के खिलाफ जांच कराने के लिए अनुशंसा हुई। जांच पूरी होने पर अनियमितताएं और आय से अधिक संपत्ति का मामला सही पाया गया। जिस पर विजिलेंस ने जांच शुरू की तो रामविलास सहयोग नहीं किया। कई बार बुलाने के बावजूद न आने पर आज यह कार्रवाई की गई है।