Edited By prachi,Updated: 04 Aug, 2018 06:06 PM
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महिला सरकारी कर्मचारी के बचाव में सामने आते हुए कहा है कि तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की मनाही वाला सरकारी नियम ‘‘असंवैधानिक’’ है। महिला कर्मचारी को उसके तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश देने से इनकार कर दिया गया...
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महिला सरकारी कर्मचारी के बचाव में सामने आते हुए कहा है कि तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की मनाही वाला सरकारी नियम ‘‘असंवैधानिक’’ है। महिला कर्मचारी को उसके तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश देने से इनकार कर दिया गया था। हल्द्वानी की रहने वाली उर्मिला मनीष की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकल पीठ ने कहा कि महिला को उसके तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश देने से इनकार करना संविधान की भावना के खिलाफ है।
उत्तराखंड द्वारा अपनाए गए उत्तर प्रदेश मौलिक नियमों की वित्तीय पुस्तिका के मौलिक नियम 153 के दूसरे प्रावधान में किसी महिला सरकारी कर्मचारी को तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश से इनकार किया गया है। अदालत ने 30 जुलाई को अपने फैसले में कहा कि इस नियम को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 42 और मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 27 के खिलाफ है।
इस पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अदालत ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता को यह अवकाश दिया जाए। उर्मिला मनीष को इस आधार पर मातृत्व अवकाश देने से इनकार कर दिया गया था कि उनके पहले से ही दो बच्चे हैं और उन्हें तीसरे बच्चे के लिए यह अवकाश नहीं दिया जा सकता है।