Edited By Nitika,Updated: 07 Apr, 2019 02:14 PM
उत्तराखंड में तापमान बढ़ते ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमखंडों का टूटना शुरू हो गया है। हिमखंडों के टूटने के कारण विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इतनी ही नहीं बर्फ की चट्टानें इतनी बड़ी...
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में तापमान बढ़ते ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमखंडों का टूटना शुरू हो गया है। हिमखंडों के टूटने के कारण विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इतनी ही नहीं बर्फ की चट्टानें इतनी बड़ी हैं कि रास्ते भी टूटने लग गए हैं।
जानकारी के अनुसार, इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी ने रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही अब चटख धूप से ग्लेशियर पिघलकर नीचे की तरफ गिरने लग गए हैं। इसी के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खतरा मंडरा रहा है। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 7 मई को अक्षय तृतीय के अवसर पर खुलने जा रहे हैं। इसी के चलते धाम में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है लेकिन ग्लेशियर के पिघलने के कारण धाम के कार्यों में रुकावट पैदा हो रही है।
बता दें कि यमुनोत्री धाम में बर्फ की सफेद चादर अप्रैल महीने में भी साफ देखने को मिल रही है। इस बार इतनी बर्फबारी हुई कि अप्रैल महीने तक भी नहीं पिघल पाई है।