Edited By Nitika,Updated: 27 Jul, 2018 04:59 PM
उत्तराखंड की भाजपा सरकार में इन दिनों आपसी विधायकों में मतभेद देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार अपने ही विधायकों की उलझनों में फसी हुई दिखाई दे रही है।
देहरादूनः उत्तराखंड की भाजपा सरकार में इन दिनों आपसी विधायकों में मतभेद देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार अपने ही विधायकों की उलझनों में फसी हुई दिखाई दे रही है। अब भाजपा के कुछ विधायक अधिकारियों के फोन ना उठाने के रवैये से नाराज हैं।
जानकारी के अनुसार, विधायक की नाराजगी का कारण अधिकारी बताया जा रहा है। विधायकों का कहना है कि अधिकारियों को उनके क्षेत्र की समस्याओं को समाधान के लिए फोन किया जाता है लेकिन वह फोन नहीं उठाते। इसके साथ ही कुछ विधायकों के द्वारा अपनी शिकायत को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को भी बताई गई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को पत्र लिखकर इसकी जानकारी भी दी लेकिन अभी तक सचिवालय प्रशासन के द्वारा मुख्य सचिव के पत्र का जवाब नहीं दिया गया।
इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि अधिकारी वहीं होता है जो अधक काम करे, इसलिए अधिकारियों को विधायकों की बात को सुनना चाहिए और उन्हं अधिक से अधिक काम भी करना चाहिए। इसके अतिरिक्त सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि लोकतांत्रित प्रणाली में यह व्यवस्था है और समय-समय पर विधानसभा अध्यक्ष भी अधिकारियों को विधायकों की बात सुनने के लिए अवगत करवाते हैं।
बता दें कि भाजपा सरकार में विधायक अधिक होने के कारण कोई ना कोई विधायक अपनी ही सरकार से नाराज हो जाते हैं। कई मंत्रियों के द्वारा सरकार के खिलाफ बोला भी जा चुका है। भाजपा के कुछ विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान ना होने के कारण नाराज है तो कुछ विधायक सरकार से उनकी बात ना सुनने के कारण नाराज है।