Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 Mar, 2024 11:48 AM
पीलीभीत लोकसभा सीट पर 1989 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनावी मैदान में नहीं है। बीजेपी ने इस बार पी...
पीलीभीत: पीलीभीत लोकसभा सीट पर 1989 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनावी मैदान में नहीं है। बीजेपी ने इस बार पीलीभीत से मौजूदा बीजेपी सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया था और अटकलें लग रही थी कि वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन इन अटकलों को उस समय विराम मिल गया जब नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन वह यहां नहीं पहुंचे। वहीं अब वरुण गांधी की पीलीभीत की जनता के लिए लिखा पत्र चर्चा में हैं।
वरुण गांधी ने लिखा पीलीभीत वासियों को मेरा प्रणाम ! आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का छोटा सा बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उँगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सहृदयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों के लिए आवाज उठाई।
एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूँ और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े। मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा- भाग से बहुत ऊपर है। मैं आपका था, हूं और रहूँगा ।