Edited By Pooja Gill,Updated: 14 Mar, 2023 03:18 PM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri) और रामनवमी (Ram Navami) त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक...
लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri) और रामनवमी (Ram Navami) त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और रामनवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी। संस्कृति विभाग (culture department) के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम ने 10 मार्च को जारी एक आदेश में कहा है कि चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसलिए इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रस्ताव है।
संस्कृति विभाग प्रधान सचिव ने बताया कि निर्देश सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को भेजे गए हैं। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन से महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान के तहत मंदिरों और ‘शक्तिपीठों' में दुर्गा सप्तशती, देवी गान और देवी जागरण आयोजित करने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि अष्टमी और रामनवमी (29 और 30 मार्च) को प्रमुख मंदिरों और ‘शक्तिपीठों' में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जाए ताकि मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों का प्रसार किया जा सकें। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक, तहसील और जिले में एक आयोजन समिति गठित की जाए।
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पहले भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहे हैं- मुकेश मेश्राम
मुकेश मेश्राम ने कहा कि, इस क्रम में कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के कार्यक्रम पहले भी आयोजित किए गए हैं और यह पहली बार राज्य में आयोजित नहीं हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों के आयोजन से स्थानीय स्तर पर कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच मिलेगा।'' समुचित समन्वय के लिए राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक जिले में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की अध्यक्षता वाली एक समिति उन कलाकारों का चयन करेगी जो कार्यक्रमों में प्रदर्शन करेंगे।आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए और बड़ी जन भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
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कार्यक्रमों की तस्वीरें संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर होगी अपलोड
आदेश के अनुसार, संस्कृति विभाग इन कार्यक्रमों में प्रदर्शन के लिए चुने गए कलाकारों को मानदेय के रूप में भुगतान करने के लिए प्रत्येक जिले को एक लाख रुपये उपलब्ध कराएगा। आदेश के मुताबिक सरकार ने स्थानीय प्रशासन से इन कार्यक्रमों की तस्वीरें संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा है। आदेश में कहा गया है कि 21 मार्च तक सभी तैयारियां कर ली जाएं और जीपीएस लोकेशन, मंदिरों के फोटो और मंदिर प्रबंधन निकायों के संपर्क विवरण संस्कृति विभाग के साथ साझा किए जाएं।