Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 09:28 AM
उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर कार्रवाई के विरोध में मांस विक्रेताआें, खासकर मटन बेचने वालों ने अपनी बेमियादी हड़ताल के पहले दिन अपनी दुकानें पूरी तरह बंद रखीं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर कार्रवाई के विरोध में मांस विक्रेताआें, खासकर मटन बेचने वालों ने अपनी बेमियादी हड़ताल के पहले दिन अपनी दुकानें पूरी तरह बंद रखीं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्राप्त खबरों के मुताबिक मटन आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा है और चिकन भी कुछ ही दुकानों पर उपलब्ध है। राजधानी लखनऊ में भी मटन की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मांस खासकर मटन की किल्लत देखी जा रही है। बलिया में तो लोगों को चिकन और मछली मिलना भी मुश्किल हो रहा है। हालांकि इलाहाबाद और बहराइच में स्थिति थोड़ी बेहतर है। इन जिलों में लाइसेंसी दुकानों पर मांस मिल रहा है और मछली तथा अंडों की बिक्री भी सामान्य रूप से हो रही है। झांसी में मटन उपलब्ध नहीं हो रहा है। शहर में मांसाहार परोसने वाले ज्यादातर होटल और रेस्तरां बंद हैं। मटन की ज्यादातर दुकानों पर ताले लगे रहे। हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि सिर्फ अवैध बूचड़खानों को ही बंद किया जा रहा है और लाइसेंसी प्रतिष्ठानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही है और जिनके पास लाइसेंस है, उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें लाइसेंस के नियम कायदों का पालन करना होगा। सिंह ने अधिकारियों को ताकीद भी की कि वे अति उत्साह में आकर अपनी हद से आगे बढ़कर कार्रवाई ना करें। उन्होंने कहा कि लाइसेंस की एक शर्त है कि बूचड़खाने में सीसीटीवी कैमरा लगवाए जाएं। अगर इस शर्त का पालन नहीं किया जा रहा है, तो अधिकारी उस बूचड़खाने को बंद करने का आदेश देने के बजाय उसके मालिक को नोटिस दें और सुधार के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करें।