हाथरस मामला: सोमवार को हाईकोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच होगी पीड़ित परिवार की पेशी

Edited By Ramkesh,Updated: 11 Oct, 2020 08:42 PM

the victim s family will be produced under tight security

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की एक दलित लड़की की कथित रूप से बलात्कार के बाद हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष हाजिर होगा।

लखनऊ/हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की एक दलित लड़की की कथित रूप से बलात्कार के बाद हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवार सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष हाजिर होगा। अदालत पीड़ित परिवार के बयान दर्ज करेगी। न्यायालय ने गत एक अक्टूबर को घटना के बारे में बयान देने के लिए मृत युवती के परिजन को बुलाया था। माना जा रहा है कि परिजन खुद अदालत में पेश होंगे, क्योंकि न्यायालय ने हाथरस जिला प्रशासन को आदेश दिए थे कि वह परिवार की लखनऊ यात्रा का प्रबंध करे। यह मामला न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन राय की पीठ के समक्ष अपराह्न सवा दो बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

उच्च न्यायालय ने हाथरस जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि वह सोमवार को लड़की के परिजनों की पेशी सुनिश्चित कराए। न्यायालय ने मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) और हाथरस के जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को भी तलब किया है। राज्य सरकार ने अपर महाधिवक्ता वीके साही से कहा है कि वह उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में मौजूद रहें। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने रविवार को बताया “हाथरस के पीड़ित परिवार की अदालत में हाजिरी के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए गए जिला जज उच्च न्यायालय के संपर्क में हैं। जिस समय के लिए मामला सूचीबद्ध है उसी हिसाब से हाथरस से परिवार की रवानगी की जाएगी। परिवार इस वक्त हाथरस में ही मौजूद है।” हालांकि जायसवाल ने परिवार की सुरक्षा के बारे में विवरण देने से मना कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक परिवार की सुरक्षा के लिए उनके घर के बाहर 60 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए आठ सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, जिनकी मदद से पीड़ित परिवार के घर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़ित परिवार के घर के दरवाजे पर एक पुलिसकर्मी तैनात किया गया है जो हर आने जाने वाले का नाम पता एक रजिस्टर में दर्ज कर रहा है। नोडल अफसर नियुक्त किए गए पुलिस उपमहानिरीक्षक शलभ माथुर ने शुक्रवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो एक नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आला अधिकारियों को गत 1 अक्टूबर को तलब किया था। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था। गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस घटना के बाद हालत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी। इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर जबरदस्त हमला बोला
 

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