Edited By Ruby,Updated: 16 May, 2018 04:41 PM
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने पॉक्सो कानून के तहत दर्ज मुकदमों की तेज पैरवी, कार्रवाई पर नजर रखने और समीक्षा के लिए जिलों में विशेष कार्यबल का गठन किया है। जिन जिलों में एएसपी (अपराध) के पद हैं, वहां उन्हें इसका...
लखनऊः उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने पॉक्सो कानून के तहत दर्ज मुकदमों की तेज पैरवी, कार्रवाई पर नजर रखने और समीक्षा के लिए जिलों में विशेष कार्यबल का गठन किया है। जिन जिलों में एएसपी (अपराध) के पद हैं, वहां उन्हें इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। बाकी जगह अन्य राजपत्रित अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने कल इस बाबत आदेश जारी किए। इसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के पारित आदेश के क्रम में बालिकाओं के साथ घटित दुष्कर्म व हत्या की घटनाओं की विवेचना एवं वादों की पैरवी के लिए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाये।
उन्होंने कहा कि अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) द्वारा मुख्यालय स्तर पर सभी जोन द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी सूचनायें और विवरण प्राप्त कर गहन समीक्षा की जायेगी। ऐसे मामलों में पीड़िता का बयान महिला पुलिस अधिकारी या महिला अधिकारी द्वारा अंकित किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि पॉक्सो कानून के अन्तर्गत यह बयान यथासंभव उपनिरीक्षक स्तर की महिला पुलिस अधिकारी द्वारा अंकित किया जाये।