Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Mar, 2020 01:29 PM
उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए अहम मांग की है। साक्षी महाराज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अवैध और वैध स्लॉटर हाउस यानी बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इन स्लॉटर...
उन्नाव: जहां एक तरफ कोरोना महामारी से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने एक अलग ही राग अलापा है। साक्षी महाराज ने कहा है कि बूचडख़ानों को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए इसकी वजह से बच्चे अपंग पैदा हो रहे हैं। साक्षी महाराज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अवैध और वैध स्लॉटर हाउस यानी बूचडख़ानों को पूरी तरह से बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इन स्लॉटर हाउसेज पर सरकार को परमानेंटली बैन लगाना चाहिए।
साक्षी महाराज ने जिला प्रशासन के माध्यम से पीएम मोदी और सीएम योगी को लिखे पत्र में अपने संसदीय क्षेत्र में मौजूदा बूचडख़ानों और चमड़े के कारखानों को 'अभिशाप' करार दिया। उन्होंने कहा है कि इनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। साक्षी महाराज ने कहा, 'स्थिति इतनी खराब है कि आजादी के 72 सालों के बाद भी उन्नाव में पीने का साफ पानी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है।'
उन्नाव सांसद ने कहा कि इन बूचड़खानों और टेनरियों (चमड़े के कारखाने) के कारण भूगर्भ जल में फ्लोराइड की मात्रा काफी अधिक हो गई है, जिसकी वजह से बच्चे तक अपंग पैदा होते रहे हैं। मैं लंबे समय से इन्हें बंद करने की मांग उठा रहा हूं। स्थिति इतनी खराब है कि लोग कानपुर या लखनऊ की ओर पलायन कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि गंगा के एक किनारे पर कानपुर है और दूसरे किनारे पर उन्नाव, सरकार ने नमामि गंगे योजना के तहत उन्नाव की टेनरियों को तो बंद कर दिया लेकिन उन्नाव में ये अभी भी चल रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खतरे से गुजर रही है। इसलिए, इस तरह के खतरे से निपटने के लिए सरकार को राज्य में वैध और अवैध बूचड़खानों और चमड़े के कारखानों के संचालन पर रोक लगानी चाहिए।' उन्होंने कहा कि ये न केवल हवा को प्रदूषित कर रहे हैं बल्कि जिले (उन्नाव) के भूजल को भी प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं। साक्षी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा करना प्रशासन का कर्तव्य है।
साक्षी महाराज ने कहा कि अगर इन बूचड़खानों और टेनरियों को चलाना ही है तो ये किसी जंगल में बनाए जाएं, वहां ट्रीटमेंट प्लांट भी लगें, जहां से प्रदूषित पानी गंगा और भूगर्भ में न जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने जलशक्ति मंत्री से मुलाकात कर इस मुद्दे पर बात की है और उन्होंने इसके समाधान का आश्वासन भी दिया है।