Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 04:10 PM
तपेदिक को राजयक्ष्मा या टी.बी. भी कहा जाता है। यह एक बहुत भयानक बीमारी है। आम जनता इसका नाम लेने से भी डरती है। जिस परिवार में यह रोग हो जाता है, उसकी हालत बड़ी दयनीय हो जाती है। इसी बिमारी की रोकथाम को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार बेहद गंभीर है।...
लखनऊः तपेदिक को राजयक्ष्मा या टी.बी. भी कहा जाता है। यह एक बहुत भयानक बीमारी है। आम जनता इसका नाम लेने से भी डरती है। जिस परिवार में यह रोग हो जाता है, उसकी हालत बड़ी दयनीय हो जाती है। इसी बिमारी की रोकथाम को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार बेहद गंभीर है। जिसके चलते राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अतिथि के तौर पर स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शिरकत की।
इस मौके पर मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यूपी के मेडिकल काॅलेज के साथ प्रदेश सरकार ने बैठक की, जिसमें टीबी को जड़ से खत्म करने को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 2025 तक टीबी की बिमारी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया है।
इस दौरान मीडिया के उन्नाव में हुए हादसे के सवाल पर सिद्धार्थनाथ ने कहा कि एचआईवी का वायरस 56 सेकेंड तक जिंदा रहता है, लेकिन 56 सेकेंड में कितने लोगों को सुई लगी यह एक सोचनीय विष्य है। साथ ही कहा कि सरकार झोलाछाप डाॅक्टरों पर कार्रवाई कर रही है।
वहीं निति आयोग में सूबे के 18 विभागों के फंसे पैसे पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यूपी के 18 विभागों का 38 हजार करोड़ निति आयेाग में फंसा है। जिसको लेकर वह दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा सूबे के 18 विभागों का फंसा पैसा जल्द मिल जाएगा।