अयोध्या चुनावी मैदान से क्यों पीछे हटे योगी आदित्यनाथ, आचार्य सत्येंद्र दास ने खोले राज ?

Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 Jan, 2022 05:18 PM

ram mandir issue will never go from bjp s agenda

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की अटकलों का पटाक्षेप होने के बाद राम मंदिर के मुख्य पुरोहित आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अच्छा हुआ योगी यहां से चुनाव नहीं लड़े वरना उन्हें जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ता। दास ने दावा किया...

अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की अटकलों का पटाक्षेप होने के बाद राम मंदिर के मुख्य पुरोहित आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अच्छा हुआ योगी यहां से चुनाव नहीं लड़े वरना उन्हें जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ता। दास ने दावा किया कि उन्होंने रामलला से पूछ कर योगी को सलाह दी थी कि वह अयोध्या के बजाय गोरखपुर से चुनाव लड़ें।

बता दैं कि पिछले 30 वर्षों से राम मंदिर के मुख्य पुरोहित का दायित्व निभा रहे दास ने सोमवार को कहा "यह अच्छा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मैंने उन्हें सुझाव दिया था कि बेहतर होगा कि वह अयोध्या के बजाय गोरखपुर की किसी सीट से चुनाव लड़ें।" दास ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि भाजपा राम मंदिर को कभी अपने एजेंडे से बाहर नहीं निकालेगी। इस सवाल पर कि उन्होंने योगी को अयोध्या से चुनाव न लड़ने की सलाह क्यों दी, दास ने कहा "हम तो रामलला से पूछ कर बोलते हैं। हम राम लला की प्रेरणा से बोले थे। यहां के साधू एकमत नहीं हैं। विकास परियोजनाओं के लिये जिन लोगों के मकान तोड़े गये हैं, वे सब योगी के खिलाफ हैं। इसके अलावा जिन लोगों की दुकानें तोड़ी जानी हैं वह सब भी योगी से नाराज हैं।"

उन्होंने कहा "सभी कह रहे हैं कि यह योगी का काम है। इतना विरोध देखने के बाद मैंने योगी जी से कहा कि बेहतर होगा कि वह गोरखपुर से चुनाव लड़ें। वैसे योगी यहां से भी चुनाव जीत जाते लेकिन उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता।" गौरतलब है कि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा सरगर्म थी कि योगी अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें गोरखपुर नगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। अयोध्या की चुनावी फिजा के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा" अभी कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि सभी पार्टियों ने अभी यहां अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। आने वाले समय में जनता का मिजाज पता लगेगा।"

इस सवाल पर कि अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण का मामला क्या आगामी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनेगा आचार्य दास ने कहा "राम मंदिर का मुद्दा कभी नहीं जाएगा। नाम जरूर लेंगे। यह नहीं जाएगा भाजपा के एजेंडे से।" मात्र 20 साल की उम्र में अयोध्या आए दास को उम्मीद है कि वह अपने जीवन में मुकम्मल राम मंदिर देख पाएंगे। उन्होंने कहा "देखते हैं, मंदिर का निर्माण कब पूरा होता है। मेरे साथ जो भी लोग आए थे उनमें से ज्यादातर की मृत्यु हो गई है। जब तक मैं जिंदा हूं यहां सेवा करूंगा।" इस सवाल पर कि क्या अयोध्या में विवादित स्थल पर बनी मस्जिद ढहा जाने के वक्त वह मौके पर मौजूद थे दास ने कहा "हां, मैं वहीं था। वह सब मेरे सामने हुआ। तीन गुंबदों में से उत्तरी और दक्षिणी गुंबद को कारसेवकों ने ढहाया था। मैं रामलला को उनके सिंहासन समेत अपने हाथ में उठाए था।"

इस सवाल पर कि क्या स्थानीय राजनेताओं ने उनका आशीर्वाद लेने के लिए आना शुरू कर दिया है, पुरोहित ने कहा "अभी तक समाजवादी पार्टी नेता पवन पांडे की पत्नी यहां आई हैं। पांडे सपा के मजबूत उम्मीदवार हैं।" पवन पांडे वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर विजयी हुए थे। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार लल्लू सिंह को हराया था। वर्ष 2017 में भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता इस सीट से जीते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा जिले की पांचों सीटों अयोध्या, बीकापुर, रुदौली, गोसाईगंज और मिल्कीपुर पर विजयी हुई थी। अयोध्या में पांचवें चरण में आगामी 27 फरवरी को मतदान होगा।

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