Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 May, 2024 12:03 PM
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में सभी राजनीतिक पार्टियां जीत निश्चित करते के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। इसी कड़ी में ए...
वाराणसी: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में सभी राजनीतिक पार्टियां जीत निश्चित करते के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। इसी कड़ी में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी वाराणसी में डेरा डाला। ओवैसी ने पीडीएम गठबंधन के उम्मीदवार गगन प्रकाश यादव के लिए मंगलवार को रेवड़ी तालाब इलाके में एक जनसभा की। जहां ओवैसी ने विरोधी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा है।
असदुद्दीन ओवैसी का कहना था कि 'इंडी' गठबंधन में भाजपा को हराने की ताकत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव या उनके रिश्तेदारों के घर बुलडोजर क्यों नहीं चला यह बड़ा सवाल है? ओवैसी ने कहा कि समाजवादी पार्टी बेहद कमजोर है. कांग्रेस में दम नहीं है और बसपा दम खो चुकी है। ऐसे में यह गठबंधन भाजपा को हराने की ताकत रखता ही नहीं है। सिर्फ यह लोग अपने परिवारों और खानदान की इज्जत को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि मेरा भी मकसद बीजेपी को हराना है, लेकिन अखिलेश यादव और कांग्रेस की तरह अपने आप को बचाना नहीं है। आप खुद देख लीजिए आपका हितैषी और हिमायती कौन है। मंच पर बैठे समाजवादी पार्टी के भैया सिर्फ अपने लोगों को ही अपने आसपास रखते हैं, तभी तो चंदौली में हुई जनसभा में बार-बार जनता के कहने पर भी अखिलेश यादव ने मुसलमान नेता का नाम लिया ना अपने बगल में बैठाया। यह लोग सिर्फ मुसलमान का दुरुपयोग करते हैं। उन्हें वोट बैंक समझते हैं।
पीएम मोदी गरीबी, बेरोजगारी पर नहीं बोलते- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी गरीबी, बेरोजगारी पर नहीं बोलते, वह कभी मजहब के नाम पर आरक्षण कभी मुजरा कभी मंगलसूत्र की बात करते हैं। ओवैसी ने कहा कि देश में हालत खराब है और अगर 400 पार का नारा देकर भाजपा 400 पार कर जाती है तो पेट्रोल की कीमत 100 पार हो जाएंगी, बेरोजगारी और बढ़ेगी, देश में बदहाली की स्थिति देखने को मिलेगी, इसलिए 400 पार ना हो यह ज्यादा जरूरी है। असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी पिछले 10 वर्षों से इस मुल्क के प्रधानमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी जब से सत्ता में आई है। हमारी और आपकी आंखों ने उन तमाम नजारों को देखा है जो हम नहीं देखना चाहते थे। 10 साल में भारत के मुसलमान का हाल बस से बदत्तर कर दिया गया है। ऐसा हाल 1930 में हिटलर के समय में जर्मनी में यहूदियों का हुआ करता था।