Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Jun, 2024 08:52 AM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी- 2024) में हुई अनियमिताओं के संबंध में याचिका पर सुनवाई करते हुए माना कि मामला गंभीर है और इस पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी- 2024) में हुई अनियमिताओं के संबंध में याचिका पर सुनवाई करते हुए माना कि मामला गंभीर है और इस पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। अतः मामले को 27 जून 2024 के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया। उक्त मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष हुई।
दरअसल 13 फरवरी 2024 को याची निवेदिता को एडमिट कार्ड जारी किया गया, जिस पर परीक्षा केंद्र तथा केंद्र कोड अंकित था। याची ने परीक्षा में ओएमआर शीट पर सभी प्रविष्टियां सही-सही भरीं और केंद्र अंधीक्षक तथा निरीक्षक द्वारा भी उसे अनुमोदित किया गया। हालांकि एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित याची की ओएमआर शीट में याची के रोल नंबर और टेस्ट बुकलेट नंबर से अलग रोल नंबर और टेस्ट बुकलेट नंबर दर्शाया गया।
याची द्वारा आपत्ति करने पर विपक्षी ने याची को एक लिंक भेजा, जिसके माध्यम से याची अपनी ओएमआर शीट देख सके। हालांकि लिंक पर उपलब्ध याची की ओएमआर शीट एनटीए की वेबसाइट पर प्रकाशित गलत ओएमआर शीट के समान ही थी। याची का तर्क है कि उसके आकलन के अनुसार उसने परीक्षा में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन परिणाम अच्छे नहीं आये, जिसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि एनटीए के कुप्रबंधन के कारण याची की ओएमआर शीट में कुछ हेराफेरी हुई है।