Edited By Umakant yadav,Updated: 12 Feb, 2021 02:47 PM
गोवर्धन पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन है। उन्हें विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) का बल प्राप्त है। इस अवसर पर वह अयोध्या में श्रीराम...
प्रयागराज: गोवर्धन पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर निर्माण का राजनीतिक श्रेय लेना चाह रही है।
शंकराचार्य ने माघ मेला के अपने शिविर में कहा, ‘‘केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन है। उन्हें विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) का बल प्राप्त है। इस अवसर पर वह अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का श्रेय प्राप्त करना चाहते हैं।'' उन्होने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राम मंदिर को लेकर कोई भूमिका रही हो, ऐसा तो नहीं है, लेकिन जब शासनतंत्र है तो बहती गंगा में हाथ धोने से कौन चूकेगा।''
स्वामी निश्चलानंद ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के समय तीन शंकराचार्यों और वैष्णवाचार्यों ने ‘‘रामालय ट्रस्ट'' पर हस्ताक्षर कर दिये थे, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। मेरी उपेक्षा कर दी जाती तो मैं मुर्दाबाद करने वाला तो नहीं हूं, सत्य को प्रकट करने वाला हूं। यदि हस्ताक्षर कर दिया होता तो मंदिर और मस्जिद दोनों की योजना क्रियान्वित हो गयी होती। तब जो श्रेय आज भाजपा को मिल रहा है या मिलने वाला है, नरसिम्हा राव के शासनकाल में कांग्रेस को मिल गया होता।