Edited By Purnima Singh,Updated: 09 Feb, 2025 02:18 PM
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक युवक को सुप्रीम कोर्ट ने भाई, भाभी और उनके 4 बच्चों की हत्या के लिए मृत्युदंड पाने के बाद भी बरी कर दिया है। 2012 के इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि...
आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक युवक को सुप्रीम कोर्ट ने भाई, भाभी और उनके 4 बच्चों की हत्या के लिए मृत्युदंड पाने के बाद भी बरी कर दिया है। 2012 के इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन पक्ष के मामले में बहुत सी खामियां हैं, जिन्हें सुधारना असंभव है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में लिप्त आरोपी गंभीर सिंह की अपील को स्वीकार कर लिया। गंभीर सिंह की अपील को स्वीकारते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट अभियोजन पक्ष के मामले में अंतर्निहित असंभवताओं और कमजोरियों पर ध्यान देने में विफल रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, हमें लगता है कि यह मामला जांच एजेंसी और अभियोजन पक्ष की ओर से पूरी तरह से उदासीन दृष्टिकोण वाला है। छह निर्दोषों की जघन्य हत्याओं से जुड़े इस मामले की जांच बहुत ही लापरवाही के साथ की गई है।
पूरे मामले को विस्तार से समझें
ये पूरा मामला आगरा के अछनेरा थाना क्षेत्र के तुरकिया गांव का है। गांव निवासी दो सगे भाईयों (गंभीर और सत्यभान) ने जमीन के लालच में 2007 में अपनी मां की हत्या कर दी थी। पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सत्यभान को जमानत पर पहले रिहा कर दिया गया। वहीं इस मामले के मुख्य आरोपी गंभीर को जमानत नहीं मिली थी। गंभीर ने सत्यभान से जमानत में मदद मांगी। जिस पर सत्यभान ने रुपयों के लिए एक बीघा खेत बेचने की बात कही थी। इस पर गंभीर तैयार हो गया था।
मां की मौत के बाद गंभीर ने खाई कसम
मां की मौत के बाद गंभीर ने कसम खाई थी कि जिस जमीन के लिए मां को मारना पड़ा, उसके लिए अब वो किसी को भी मार सकता है। अगर भाई ने गड़बड़ी की तो उसे भी नहीं बख्शेगा। छह महीने बाद जब गंभीर जेल से रिहा होकर वापस आया, तो उसने सत्यभान से अपना हिस्सा देने की बात कही। इसपर दोनों भाईयों में झगड़ा शुरू हो गया। आखिरकार सत्यभान ने गंभीर को हिस्सा देने से मना कर दिया था।
इस बात पर गंभीर बौखला गया। जिसके बाद साल 2012 में मई में गंभीर अपने दोस्त अभिषेक के साथ दिल्ली से घर आया। 9 मई 2012 को उसने सत्यभान, भाभी पुष्पा, भतीजा और तीन भतीजियों की निर्मम हत्या कर दी। फिर बहन गायत्री को लेकर वह फरार हो गया था।