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​IPS कल्पना सक्सेना मिला न्याय, हत्या की कोशिश करने वाले तीन सिपाहियों को अदालत ने सुनाई 10-10 साल की सजा

Edited By Ramkesh,Updated: 24 Feb, 2025 07:30 PM

ips kalpana saxena got justice court sentenced three constables

बरेली  (मोहद. जावेद खान ): एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना की हत्या की कोशिश के मामले में कोर्ट ने  तीन सिपाहियों समेत चार लोगों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

बरेली  (मोहद. जावेद खान ): एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना की हत्या की कोशिश के मामले में कोर्ट ने  तीन सिपाहियों समेत चार लोगों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आप को बता दें कि 2010 में हाईवे पर उगाही करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद तत्कालीन एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना की हत्या की कोशिश की गई थी। 15 साल पुराने इस मामले में एंटी करप्शन कोर्ट के स्पेशल जज सुरेश कुमार गुप्ता ने सिपाही रावेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, मनोज कुमार और उनके मददगार ऑटो चालक धर्मेंद्र को दोषी करार दिया था। सोमवार को सभी दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाते हुए 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

2010 में अवैध वसूली करते पकड़ा गया था
बता दें, तीनों सिपाही उस वक्त ट्रैफिक पुलिस में ही तैनात थे। घटना के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। कल्पना सक्सेना अब गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में एडिशनल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। तत्कालीन एसपी कल्पना सक्सेना ने ही इस मामले में थाना कैंट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि 2 सितंबर 2010 को उन्हें गोपनीय सूचना मिली थी कि ट्रैफिक पुलिस के कुछ सिपाही थाना कैंट क्षेत्र में फरीदपुर रोड मजार के पास हाईवे पर ट्रकों को रोककर अवैध वसूली कर रहे हैं।

कार चढ़ाकर हत्या की कोशिश की
वह अपनी सरकारी गाड़ी से शाम सवा पांच बजे मौके पर पहुंचीं तो पाया कि फरीदपुर की तरफ से आने वाले कुछ ट्रक सड़क किनारे खड़े थे। सड़क के दूसरी तरफ मजार के पास सफेद मारुति कार खड़ी थी। कुछ लोग कार में बैठे थे और कुछ बाहर खड़े थे। अपनी गाड़ी ट्रकों की आड़ में खड़ी कर वह अपने हमराह और ड्राइवर के साथ पैदल कार के नजदीक पहुंचीं। उन्होंने देखा कि कार की पिछली सीट पर सिपाही रविंद्र और रावेंद्र बैठे थे। जैसे ही उन पर नजर पड़ी, एक व्यक्ति ने चिल्लाकर ड्राइविंग सीट पर बैठे सिपाही मनोज से कहा कि उन्हें मारकर भाग जाओ। जैसे ही वह आगे बढ़ीं, मनोज ने कार स्टार्ट कर उनके ऊपर चढ़ाने की कोशिश की।

सिर पर किए कई वार
उन्होंने एक साइड होकर चलती कार में हाथ डालकर मनोज की गर्दन पकड़ ली और कार रोकने को कहा। लेकिन उसने कार नहीं रोकी। रविंद्र ने उनका हाथ पकड़ लिया और सिर पर वार करने शुरू कर दिए। मनोज को कार से कुचल देने को कहा गया। मनोज ने कार बरेली की ओर दौड़ा दी। एसपी कल्पना सक्सेना को वे लोग करीब 200 मीटर तक घसीटते ले गए। इस बीच कार को आड़ा-तिरछा दौड़ाकर उन्हें कई बार कुचलने की कोशिश की। जब सफल नहीं हुए तो उन्हें धक्का देकर गिरा दिया।

सड़क पर गिरकर घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑटो ड्राइवर धर्मेंद्र, सिपाही रविंद्र का सगा भाई है, जो मौके पर ट्रकों को रोकने और पैसे लेने का काम कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में हत्या की कोशिश, वसूली और एंटी करप्शन एक्ट की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद तीन सिपाहियों समेत चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए। अब चारों दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

 

 

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