Edited By Harman Kaur,Updated: 16 Jun, 2024 01:47 PM
![high court made important comments regarding teachers](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_13_47_27820065816june60-ll.jpg)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनचाहा तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को बड़ा झटका दिया है......
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनचाहा तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को समान वेतनमान और प्रोन्नति देने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने कहा कि मनचाहे तबादले के बाद समकक्ष अध्यापकों के समान प्रोन्नति और वेतन मांगना अपने ही वादों से मुकरना है। ऐसे शिक्षक दोहरा लाभ नहीं ले सकते।
खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) प्रयागराज और अन्य की ओर से दाखिल विशेष अपील को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की है। बीएसए ने मनचाहा तबादला पाने वाले प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापकों और जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों के पक्ष में पारित एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। कोर्ट ने आदेश रद्द करते हुए याची शिक्षक मनोरमा व अन्य की याचिका को नए सिरे से सुनवाई के लिए वापस भेज दिया है।
कोर्ट ने BSA को चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। याची अध्यापकों ने अंतरजनपदीय तबादला नीति के अंतर्गत मनचाहे जिलों में इस शर्त पर तबादला लिया था कि वे प्रोन्नति नहीं लेंगे और सहायक अध्यापकों के वरीयता क्रम में निचले पायदान पर ही कार्य करेंगे।
दरअसल, अंतरजनपदीय तबादला नीति के अंतर्गत याची अध्यापकों ने मनचाहे जिलों में इस शर्त पर तबादला लिया था कि वे प्रोन्नति नहीं लेंगे और सहायक अध्यापकों के वरीयता क्रम में निचले पायदान पर ही कार्य करेंगे। इसके बाद यह शिक्षक अपनी ही बात से मुकर गए और समकक्ष अध्यापकों के समान वेतनमान की मांग करने लग गए। इसी को लेकर शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसका उन्होंने तर्क दिया था कि उन्हें उनके समकक्ष अध्यापकों से कम वेतन दिया जा रहा है। पदोन्नति भी नहीं दी जा रही है। वहीं, अब इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा है कि मनचाहा तबादला लेने के बाद समकक्ष अध्यापकों के समान प्रोन्नति और वेतन मांगना अपने ही वादों से मुकरना है। ऐसे शिक्षक दोहरा लाभ नहीं ले सकते।