Edited By ,Updated: 30 Mar, 2017 11:40 AM
यूपी में आतंक की फैक्ट्री शुरू करने वाले आईएस के खुरासान मॉड्यूल को हथियार और कारतूस सप्लाई करने वाले एक आरोपी को यूपी एटीएस ने दबोच लिया है...
कानपुरः यूपी में आतंक की फैक्ट्री शुरू करने वाले आईएस के खुरासान मॉड्यूल को हथियार और कारतूस सप्लाई करने वाले एक आरोपी को यूपी एटीएस ने दबोच लिया है। खास बात यह है कि कारतूस सप्लाई करने वाला कोई बदमाश नहीं है बल्कि एक गन हाउस का मालिक है। पूछताछ में पता चला है कि उसने 7 हजार से ज्यादा कारतूस शहर के अलग-अलग गन हाउसों से खरीदे और उन्हें आतंक की फैक्ट्री चलाने वालों को मोटी रकम लेकर सप्लाई किया था। एटीएस की पूछताछ में अभी कई और खुलासे हो सकते हैं। इसके अलावा गन हाउस मालिक से एनआईए भी पूछताछ करेगी।
जानिए पूरा मामला
दरअसल लखनऊ में सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद एटीएस को 700 से ज्यादा कारतूस और खोखे मिले थे। यह कारतूस उस तक कैसे पहुंचे? जब इसकी जांच आगे बढ़ी तो शक की सुई गीता नगर में एलआरएस आर्म्स एंड एम्यूनेशन शॉप चलाने राघवेंद्र सिंह चौहान का नाम आया। एटीएस के सूत्रों के मुताबिक इस पर कई दिनों तक नजर रखी गई कि वह किससे मिलता है। इसकी दुकान के रिकार्ड्स भी देखे गए। जिसमें उसके रिकॉर्ड रजिस्टर में 1 हजार से 1,500 कारतूसों की मौजूदगी का ही पता चल सका। वहीं जब मेस्टन रोड समेत कई इलाकों के गन हाउसों से कारतूसों की बिक्री का ब्योरा जुटाया गया तो पूरा मामला खुल गया।
आरोपी ने कारतूस आतंकियों को मोटी रकम में बेचे
राघवेंद्र सिंह चौहान पर आरेाप है कि वह अपने गन हाउस से अपराधियों को कारतूस की सप्लाई करता था और उसी ने सैफुल्लाह को भी अलग अलग बोर के 700 से ज्यादा कारतूस सप्लाई किए। जांच में पता चला है कि राघवेंद्र ने मेस्टन रोड स्थित खन्ना और सेवा गन हाउस से अलग अलग बोर के कारतूस खरीदे, लेकिन उन्हें अपने स्टॉक में नहीं दिखाया। इस तरह से उसने 7 हजार से ज्यादा कारतूस आतंकी मॉड्यूल व अपराधियों को मोटी रकम लेकर बेचे थे।
अभी और भी खुलासे होने बाकी
गीता नगर में राघवेंद्र सिंह चौहान की गिरफ्तारी के दौरान एटीएस को कई प्रशासनिक अधिकारियों,सरकारी डॉक्टर्स और शिक्षण संस्थाओं की नकली मोहरे व कागजात भी बरामद हुए। आशंका है कि नकली कागजातों के जरिए वह कारतूस बिक्री में खेल करता था या दूसरे भी कई बेनामी धंधे चला रहा था। लखनऊ में सैफुल्लाह एनकाउंटर मामले के तहत ही उस पर संगीन धाराओं में अब केस चलेगा। एटीएस की पूछताछ में अभी कई और खुलासे हो सकते हैं।