UP Election 2022: अखिलेश यादव का बड़ा चुनावी वादी, ‘सपा सरकार बनने पर ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमें होंगे वापस’

Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Feb, 2022 09:59 AM

fake cases against brahmins will be withdrawn if sp forms government akhilesh

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि सपा की सरकार बनने पर काशी विश्‍वनाथ समेत अन्य मंदिरों के पुजारियों व पुरोहितों को मानदेय दिया जाएगा, संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा और...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि सपा की सरकार बनने पर काशी विश्‍वनाथ समेत अन्य मंदिरों के पुजारियों व पुरोहितों को मानदेय दिया जाएगा, संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा और ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

सपा मुख्यालय से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से कई ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने भेंट किया और उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया। यादव ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर ‘‘संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा, मंदिरों का संरक्षण होगा, काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित अन्य मंदिरों के पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि रामायण के कलाकारों को भी मानदेय देंगे और फिर श्रवण यात्रा शुरू होगी। उन्‍होंने सपा सरकार बनने पर ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने की भी घोषणा की। यादव ने कहा, ‘‘समाजवादी सरकार में तीर्थ स्थलों के विकास के साथ संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया था। उसने संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को 30 करोड़ रुपये की मदद दी थी और परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था।’’

गोरखपुर जिले के बाहुबली पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र चिल्लूपार के विधायक और सपा उम्मीदवार विनय शंकर तिवारी के साथ ब्राह्मणों का प्रतिनिधिमंडल यहां सपा मुख्यालय में यादव से मिला बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (ब्रह्म समर्पित) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानक चंद्र शर्मा, महामंत्री ब्राह्मण संघ हरीश शर्मा, ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी, ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष केपी शर्मा सहित कई प्रमुख लोग शामिल थे।

ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सपा प्रमुख को दिये गये अपने मांग पत्र में कहा है, ‘‘भगवान परशुराम जयंती पर पूर्व में दिए गए सार्वजनिक अवकाश को पुनः बहाल किया जाए, ब्राह्मण आयोग का गठन हो तथा ब्राह्मण एवं ब्राह्मण हितों पर हो रहे कुठाराघात को रोका जाए।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण का उचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बंद किया जाए और खुशी दुबे को रिहा कर उस पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए।’’

उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में कानपुर जिले के बिकरू गांव में एक गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर दुबे और उसके साथियों ने हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस ने विकास दुबे और उसके सहयोगी अमर दुबे समेत अन्‍य आरोपियों को अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया। इस सिलसिले में पुलिस ने घटना से हफ्ते भर पहले ब्याह कर लाई गई अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे को भी गिरफ्तार किया है।

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