उप्र के प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्ट-अप की व्यापक सम्भावनाएं: योगी

Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Feb, 2020 09:33 AM

extensive possibilities of start ups in each region of up yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में स्टाटर्-अप की व्यापक सम्भावनाएं हैं।

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में स्टाटर्-अप की व्यापक सम्भावनाएं हैं। योगी ने तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों, कृषि विश्वविद्यालयों आदि से समन्वय स्थापित कर प्रदेश में स्टाटर्-अप कार्यक्रमों के लिए योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में स्टाटर्-अप की व्यापक सम्भावनाएं हैं। सभी विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर स्टाटर्-अप प्रोत्साहन के लिए कार्य करें।      

  उन्होंने जिला स्तर पर भी स्टाटर्-अप को प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय स्टाटर्-अप रैंकिंग में सुधार लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्य योजनाएं और स्टाटर्-अप नीति ऐसी बनायी जाए, जिससे 01 वर्ष के अन्दर उत्तर प्रदेश टॉप-3 राज्यों की श्रेणी में शामिल हो सके।       

मुख्यमंत्री आज शाम यहां अपने सरकारी आवास पर स्टाटर्-अप नीति-2020 के संशोधित प्रस्तावों के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने स्टाटर्-अप नीति में संशोधनों के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि शीघ्र ही इन संशोधनों को शामिल करते हुए स्टाटर्-अप नीति को प्रस्तुत किया जाए।       

उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेन्टिसशिप) प्रोत्साहन योजना, युवा उद्यमिता विकास अभियान, युवा हब आदि से स्टाटर्-अप नीति को जोड़े जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कुशल मानव संसाधन एवं अन्य स्रोत उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर स्टाटर्-अप के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए जा सकते हैं और बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।      

 मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में 90 लाख इकाइयां कार्यरत हैं और इसमें स्टाटर्-अप की व्यापक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि स्टाटर्-अप के सम्बन्ध में किसी भी विचार, प्रयोग व नवाचार को बढ़ावा देने की प्रक्रिया अपनायी जाए। नियमों का सरलीकरण हो और प्रत्येक क्षेत्र में स्टाटर्-अप को बढ़ावा देते हुए कार्य योजनाएं बनायी जाएं। क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं और संसाधनों के द्दष्टिगत स्टाटर्-अप को प्रोत्साहित किया जाए। कौशल विकास केन्द्रों एवं तकनीकी संस्थानों की मदद से स्टाटर्-अप को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश को प्रमुखता के साथ स्टाटर्-अप अभियान से जोड़ा जा सकता है।       

उन्होंने ने कहा कि स्टाटर्-अप के लिए छात्रों में विद्यालय स्तर से ही उद्यमिता कौशल के विकास को बढ़ावा दिए जाने के पाठ्यक्रम बनाए जाएं। स्टाटर्-अप्स तथा इन्क्यूबेटर्स के लिए प्रोत्साहनों की स्वीकृति, मान्यता तथा प्रोत्साहनों के वितरण का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में स्टाटर्-अप ईको-सिस्टम को सुद्दढ़ करते हुए स्टाटर्-अप कार्यक्रमों के बारे में जनपद स्तर पर जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए।       

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल, मुख्य सचिव आर के तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन आर के सिंह, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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