उन्‍नाव गैंगरेप कांड में आरोपी BJP विधायक पर FIR दर्ज, मामले की जांच करेगी CBI

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Apr, 2018 11:12 AM

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योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया, जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है। यह कदम ऐसे समय आया जब सेंगर नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुए, लेकिन....

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया, जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है। यह कदम ऐसे समय आया जब सेंगर नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुए, लेकिन समर्पण करने से मना कर दिया। 18 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में विधायक कुलदीप सिहं सेंगर की कथित संलिप्तता के कारण बढ़ती मुश्किल के बीच राज्य सरकार ने विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी फैसला किया।
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जानकारी के अनुसार उन्नाव में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस ने आज प्राथमिकी दर्ज की। बताया जा रहा है कि माखी थाने में कुलदीप सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी ने बताया कि विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा पॉक्सो कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि विधायक के खिलाफ मकसी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( बलात्कार), 366 (विवाह के लिए या यौन संबंध बनाने के लिए विवश करना), 363 (अपहरण) और 506 (आपराधिक धमकी देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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प्रधान सचिव (सूचना) ने एक बयान में कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोपों पर विचार करते हुए उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और जांच सीबीआई को सौंपी का फैसला लिया। सरकार ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच भी सीबीआई से कराने का फैसला किया है। बयान में कहा गया कि पीड़िता के पिता की मौत से संबधित घटनाओं की जांच भी सीबीआई को सौंपी जाएगी। ये फैसले मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लखनऊ जोन) के अधीन गठित विशेष जांच टीम के सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद लिए गए।
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घटनाक्रम तब हुआ जब कुछ घंटे पहले ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी के पत्र पर राज्य सरकार से घटना पर उसका रुख पूछा और मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। इस बीच, सेंगर देर रात अचानक राजधानी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर दिखे। खबर थी कि वह आत्मसमर्पण करेंगे लेकिन वह बिना आत्मसमर्पण के ही समर्थकों के साथ निकल लिए। सेंगर ने कहा कि मैं यहां मीडिया के समक्ष आया हूं। मैं भगोडा नहीं हूं। मैं यहां राजधानी लखनऊ में हूं। बताइए क्या करूं। बताया जजा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ से रवाना होने के कुछ ही देर बाद ये घटनाक्रम हुआ।

इसके साथ ही योगी सरकार ने उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टरों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जेल अस्पताल के भी 3 डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है जिन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है। इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सफीपुर, कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिए गए हैं। शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। एक साथ 3 रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने ये फैसले किए हैं। इसके साथ ही सरकार पीड़िता के परिवार को सुरक्षा भी उपलब्ध कराएगी।

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