Edited By Mamta Yadav,Updated: 28 Mar, 2024 02:32 AM
ताजमहल के तेजो महालय होने का विवाद एक बार फिर अदालत में पहुंच गया है। मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को नियत की गयी है। लंबे समय से ताजमहल को लेकर विवाद खड़ा किया जाता रहा है। पहले भी इस मामले में कोर्ट में वाद दायर हो चुके हैं। इस बार मथुरा के योगेश्वर...
Agra News: ताजमहल के तेजो महालय होने का विवाद एक बार फिर अदालत में पहुंच गया है। मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को नियत की गयी है। लंबे समय से ताजमहल को लेकर विवाद खड़ा किया जाता रहा है। पहले भी इस मामले में कोर्ट में वाद दायर हो चुके हैं। इस बार मथुरा के योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट और क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट ने वाद दायर किया है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस वाद में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद, महानिदेशक यूपी टूरिज्म को प्रतिवादी बनाया गया है।
गौरतलब है कि ताजमहल या तेजोमहालय को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसको लेकर पहले भी कई बार इस मामले में कोर्ट में वाद दायर हुए हैं। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने जनवरी में वाद प्रस्तुत किया था। उस समय न्यायालय ने सुनवाई के बाद वादी को धारा 80(1) सिविल प्रकिया संहिता नोटिस की कार्यवाही पहले पूरी करने को कहा था। जिस पर प्रतिवादी को नोटिस भेजकर दो महीने की समय सीमा के बाद दोबारा वाद दायर किया है।
ताजमहल कब बनकर तैयार हुआ ?
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वाद दायर करने से पहले एएसआई से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें पूछा था कि ताजमहल बनना कब शुरू हुआ था ? ताजमहल कब बनकर तैयार हुआ ? इसके साथ ही ताजमल की उम्र किस तरीके से निकाली गई है ? जिस पर एएसआई ने जवाब दिया कि ताजमहल एक रिसर्च का विषय है। जिसके लिए आप ताजमहल की वेबसाइट और संबंधित पुस्तकों को पढ़ सकते हैं।