Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Sep, 2018 09:50 AM
2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ़ रावण को सरकार ने समय से पहले रिहा कर दिया। रावण को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत जेल भेजा गया था।
लखनऊः 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ़ रावण को सरकार ने समय से पहले रिहा कर दिया। रावण को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत जेल भेजा गया था। बता दें रावण को शुक्रवार सुबह तीन बजे के करीब जेल से रिहा कर दिया गया। वह लगभग 16 महीने से जेल में बंद था। रावण की रिहाई के दौरान काफी समर्थक जेल के बाहर इकट्ठा हो गए।
जेल से रिहा होने के बाद एक सभा में बीजेपी पर हमला बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फटकार लगाई जा रही थी जिससे सरकार डरी हुई थी, इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए जल्दी रिलीज का आदेश दिया। मैं आश्वस्त हूं कि वह10 दिनों के भीतर मेरे खिलाफ कुछ न कुछ आरोप लगाएंगे। मैं 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए अपने लोगों से बात करूंगा।
वहीं रावण ने समर्थकों से कहा, "न सोएंगे और न सोने देंगे जब तक कि 2019 में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ न देें, कोई स्वागत समारोह नहीं होगा। अगर कोई सोच रहा है तो वह उसे मन से निकल दें। मैं जेल से बाहर काम करने के लिए आया हूं।
इस बारे में प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि चंद्रशेखर उर्फ रावण को रिहा करने का आदेश सहारनपुर के जिलाधिकारी को गुरुवार को ही भेज दिया गया था। रिहाई का फैसला उनकी मां के प्रार्थना पत्र पर लिया गया है। चंद्रशेखर के जेल में बंद रहने की अवधि 1 नवंबर 2018 तक थी।